आरोपितों और सहेली के बयान से उठे कई सवाल, पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट की तैयारी  

नई दिल्ली। दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला इलाके में 20 वर्षीय अंजलि को कार से 11 किमी तक घसीटकर मार डालने का मामला उलझता ही जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले के पांचों आरोपित और अंजलि की सहेली निधि अपने बयान पर कायम हैं, जबकि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से बयान का मिलान नहीं हो रहा है।

ऐसे में दिल्ली पुलिस पांचों आरोपितों और निधि का पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट कराने की अनुमति लेने के लिए कोर्ट जा सकती है।

टक्कर के बाद क्यों भागी निधि?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अभी तक यह पता नहीं लग पाया है कि कार से टक्कर होने के बाद निधि क्यों भागी? आरोपित दुर्घटना के बाद कार उसके मालिक को देने के बजाय तीन घंटे तक क्यों गांवों में चक्कर लगाते रहे?

एक साथ बैठाकर व अलग-अलग पूछने पर भी आरोपित अपने दावों पर कायम हैं। एक आरोपित का कहना है कि पिछली सीट पर बैठे एक युवक ने कार चला रहे दीपक खन्ना को कहा था कि कार के नीचे कुछ अटका हुआ है। इसके बावजूद उसे अनसुना कर दिया गया। इसलिए पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की अनुमति के लिए कोर्ट जाने की तैयारी की जा रही है।

पांचों के बयान में नहीं पाया गया अंतर

पुलिस ने आरोपितों अमित खन्ना, दीपक खन्ना, मिथुन, कृष्णा और मनोज मित्तल को एक साथ बैठाकर व अलग-अलग भी पूछताछ की। बुधवार को भी आरोपितों से पूछताछ की गई, लेकिन पांचों के बयान में अंतर नहीं पाया गया। दृश्य रूपांतरण भी किया गया। उनसे 50 से ज्याद सवाल पूछे गए थे, लेकिन सभी ने एक जैसे ही जवाब दिए।

एक और चश्मदीद आया सामने

इस मामले में एक और चश्मदीद सामने आया है। ट्रक चालक अमित ने बताया कि शनिवार रात वह मंगोलपुरी से बेगमपुर की ओर जा रहे थे।

जब वह राम चौक पर पहुंचे तो एक कार ने ट्रक को ओवरटेक किया। कुछ देर बाद जब उन्होंने कार को ओवरटेक किया और रियर व्यू मिरर में देखा तो कार के नीचे एक युवती फंसी हुई थी। उन्होंने कार को रुकवाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आरोपित वहां से निकल चुके थे।

कार के एक्सेल में बुरी तरह फंसा था अंजलि का पैर

सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान यह सामने आया कि युवती का एक पैर कार के एक्सेल में बुरी तरह फंस गया था, जबकि दूसरा पैर सड़क पर रगड़ खाते-खाते पूरी तरह क्षत-विक्षत हो गया। जो पैर एक्सल में फंसा था वहीं से फोरेंसिक टीम को रक्त व मांस मिला था। करीब तीन घंटे तक फोरेंसिक की टीम ने कार व अंजलि की स्कूटी की जांच की।

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