उत्तरकाशी। चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में पखवाड़े भर से फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है, लेकिन ड्रिलिंग के लगातार अवरुद्ध होने से देरी हो रही है। हालांकि मजदूरों का स्वास्थ ठीक है और उन्हें पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है।
वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति
सुरंग में वर्टिकल ड्रिलिंग को लेकर असमंजस की स्थिति है। सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (SJVN) के अधिकारी बस इंतजार कर रहे हैं। वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए पाइल ड्रिलिंग मशीन शनिवार देर रात को ही सुरंग की ऊपरी पहाड़ी पर चैनेज 300 पर पहुंच चुकी थी, जबकि इस पर असेंबल किए जाने वाले कई पार्ट अब तक नहीं पहुंचे हैं।
इस स्थिति को लेकर SJVN लिमिटेड के अधिकारियों ने नवयुग कंपनी के प्रति नाराजगी भी जाहिर की। असेंबल किए जाने वाले पार्ट को पहुंचाने के लिए पहले शनिवार रात का समय दिया गया था।
DRDO के उपकरण के साथ सेना ने भरी उड़ान
बचाव अभियान की आवश्यकताओं को देखते हुए कल देर शाम भारतीय वायुसेना ने DRDO के महत्वपूर्ण उपकरण के साथ देहरादून के लिए उड़ान भरी। बेंगलुरु से मंगवाया गया प्लाज्मा कटर देर रात को पहुंच गया है, जिसकी सेटिंग की जा रही है।
परिजनों के सब्र का बांध भी टूटा
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध भी अब टूटने लगा है। शनिवार को सुरंग के अंदर फंसे अपनों से बात कर निकले परिजनों ने कहा, वह हर दिन इसी उम्मीद में रहते हैं कि आज सभी को सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा, लेकिन रोज उम्मीद टूट जाती है।
मुख्यमंत्री बोले- दोबारा शुरू करेंगे खोदाई
सीएम धामी ने कहा, ये अभियान कठिन परिस्थितियों में चल रहा है। पाइप के भीतर 45 मीटर ब्लेड फंस गए थे, जिनका 20 मीटर हिस्सा काटकर निकाला जा चुका है। बाकी 25 मीटर को काटने के लिए हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगाया गया है।