
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि गाजा शांति योजना में अब किसी बड़े बदलाव की जरूरत नहीं है, क्योंकि ‘लगभग सभी देश इस पर सहमत हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी बातें दो-तीन दिनों में तय कर ली जाएंगी और जल्द ही एक बड़ा समझौता सामने आएगा।
योजना अद्भुत है- डोनाल्ड ट्रंप
व्हाइट हाउस से रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘हमें बहुत लचीलापन नहीं चाहिए क्योंकि लगभग सभी इस पर सहमत हैं। कुछ छोटे बदलाव होंगे, पर योजना अद्भुत है।
अगर यह पूरी हो जाती है, तो यह 3000 साल में पहली बार पश्चिम एशिया में स्थायी शांति होगी। यह इस्राइल के लिए भी अच्छा सौदा है और अरब दुनिया, मुस्लिम देशों-सबके लिए फायदेमंद है।’
बंधकों की रिहाई पर बातचीत तेजी से जारी- ट्रंप
ट्रंप ने बताया कि बंधकों की रिहाई पर बातचीत ‘तेजी से आगे बढ़ रही है’ और उम्मीद है कि पहले चरण में बंधक इस हफ्ते छोड़े जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘तकनीकी टीम सोमवार को मिस्र में मिलेंगी ताकि आखिरी बिंदुओं को तय किया जा सके।’ उनके मुताबिक, ‘समय बहुत अहम है, वरना भारी खून-खराबा हो सकता है- और ऐसा कोई नहीं चाहता।’
व्हाइट हाउस ने भी एक्स पर पोस्ट कर कहा कि, ‘इस हफ्ते हमास और दुनियाभर के देशों (अरब, मुस्लिम और अन्य) के बीच सकारात्मक बातचीत हुई है ताकि बंधकों की रिहाई और गाजा युद्ध का अंत हो सके। इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि आखिरकार मध्य पूर्व में लंबे समय से चाही गई शांति मिल सके।’
नेतन्याहू बोले- सुक्कोत के दौरान हो सकती है बंधकों की रिहाई
इधर इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यहूदी पर्व सुक्कोत (जो सोमवार शाम से शुरू होकर एक सप्ताह चलेगा) के दौरान बंधकों की रिहाई हो सकती है। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल के बंधक मामलों के समन्वयक ने रविवार शाम कहा कि देश ‘पूरी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प’ के साथ सभी बंधकों को छुड़ाने की कोशिश करेगा।
मार्को रुबियो ने की अरब गठबंधन की सराहना
उधर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी ट्रंप द्वारा बनाए गए अरब देशों के गठबंधन की तारीफ की, जिसने गाजा संघर्ष को खत्म करने में सहयोग दिया है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘हम किसी राजनीतिक आंदोलन से नहीं, बल्कि हत्यारों और आतंकवादियों से निपट रहे हैं, लेकिन हमें उम्मीद इस गठबंधन से है, जो ट्रंप ने बनाया, जो एक दिशा में आगे बढ़ रहा है- बंधकों को छुड़ाने और संघर्ष खत्म करने की दिशा में।’