बिलासपुर दुर्घटना: 16 मौतों के लिए कौन जिम्मेदार? बरसात के बाद पहाड़ी में आ गई थीं दरारें

बिलासपुर।  हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच मंगलवार शाम को बिलासपुर के मरोतन से घुमारवीं जा रही 32 सीटर निजी बस पर पहाड़ से भारी भरकम चट्टानों के साथ मलबा आ गिरा। इस हादसे में 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दो बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

बिलासपुर के बरठीं के भल्लू पुल के पास हुए भीषण हादसा से पूरे क्षेत्र हिला गया है। घटनास्थल पर मौजूद सूबेदार मेजर कुलवंत सिंह पटियाल ने बताया कि यह जगह पहले से ही अत्यधिक संवेदनशील थी। पहाड़ी से अकसर मिट्टी और पत्थर गिरते रहते थे, लेकिन विभाग ने इसे ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित करने या स्थायी सुरक्षा उपाय करने की कोई कोशिश नहीं की।

उनका कहना है कि भल्लू पुल का यह हिस्सा हमेशा से खतरे में बताया जा रहा था। बरसात के बाद पहाड़ी में दरारें पड़ गई थीं। ग्रामीणों ने कई बार विभाग को सूचित किया। आठ दिन पहले भी लोगों ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से इस हिस्से में को मजबूत और सुरक्षित करने की मांग की थी।

इसके बावजूद इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। अब हुआ हादसा उस अनदेखी का परिणाम है। मरोतन से घुमारवीं रूट पर दिन में संतोषी बस दो बार चलती थी। भल्लू पुल के इस हिस्से पर एक ओर कच्ची पहाड़ी है तो दूसरी ओर गहरी खड्ड।

यात्रियों के पहाड़ी से नीचे खड्ड में गिरने की जताई थी आशंका

यही कारण है कि हादसे के बाद प्रशासन ने यह आशंका भी जताई कि कुछ यात्री पहाड़ी से नीचे खड्ड में गिर गए होंगे। खोज अभियान के दौरान जेसीबी मशीनों को नीचे तक उतारा गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई शव या व्यक्ति नीचे न दबा हो।

यह बस रूट पर दिन में सुबह 7:30 बजे यह घुमारवीं बस अड्डे से चलकर सुन्हाणी, बरठीं, भड़ोली कलां, कलोल और जेजवीं होते हुए मरोतन पहुंचती थी।

15 परिवारों की खुशियां छीनी

दोपहर करीब 12:30 बजे वापस लौटती थी और फिर दोपहर एक बजे दूसरा फेरा लगाती थी। लगातार तीन दिनों से तेज बारिश ने पहाड़ी को कमजोर कर दिया था। इसके चलते मंगलवार को 15 परिवारों की खुशियां छीन लीं। हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। जिन घरों में सुबह लोग काम पर निकले थे, शाम तक वहां मातम छा गया था।

लोगों ने बचाव कार्य में की मदद

घटना के बाद आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और अपनी जान की परवाह किए बिना राहत कार्य शुरू कर दिया। थोड़ी ही देर में पुलिस, प्रशासन और NDRF की टीम भी मौके पर पहुंची और रात करीब नौ बजे रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान संभाली।

सलापड़ से तीन वाहनों में दर्जनों प्रशिक्षित जवान घटनास्थल पहुंचे। अंधेरा होने के कारण मौके पर जनरेटर की व्यवस्था की गई। मलबे में फंसे यात्रियों को निकालने का अभियान शुरू किया गया। देर रात तक जेसीबी मशीनों और प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड की मदद से मलबा हटाने का कार्य जारी रहा।

Back to top button