
मुंबई। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत में हैं। यह पहली बार है जब किसी तालिबान सरकार के मंत्री ने भारत का दौरा किया और वे 9 से 16 अक्टूबर तक यहां रहेंगे।
हालांकि उनके इस दौरे को भारत और तालिबान शासन के बीच संबंधों को पटरी पर लाने की कोशिश के तौर पर देख जा रहा है लेकिन अब जावेद अख्तर ने इसे लेकर जबरदस्त नाराजगी दिखाई है। उन्होंने कहा है कि उनका सिर शर्म से झुक गया।
फिल्मों से लेकर सामाजिक मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखने वाले जावेद अख्तर ने एक बार फिर ट्वीट के जरिए अपनी वो बात रखी है, जिसे पब्लिकली कहने से बड़े लोग खासकर बचते हैं।
बता दें कि शनिवार से अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे पर हैं। वो उप्र के सहारनपुर स्थित दारुल उलूम देवबंद पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया है।
जावेद अख्तर ने नाराजगी जताई
लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने नाराजगी जताई है और उन्होंने मुत्तकी को भारत में मिले सम्मान और स्वागत की डंके की चोट पर आलोचना की है।
जावेद अख्तर ने अपने इस ट्वीट में लिखा है, ‘दुनिया के सबसे बुरे और खूंखार आतंकवादी समूह तालिबान के प्रतिनिधि को हर तरह के आतंकवादियों के खिलाफ मंच पर बोलने वालों की तरफ से दिए गए सम्मान और स्वागत को देखकर मेरा सिर शर्म से झुक गया है।’
देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए
जावेद अख्तर ने आगे कहा है, ‘देवबंद को भी शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने इस्लामिक हीरो का इतना सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जो उन लोगों में से एक है जिन्होंने लड़कियों की शिक्षा पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। मेरे भारतीय भाइयों और बहनो, हमारे साथ क्या हो रहा है?’
लोगों ने याद दिलाई उनका खुद का लिखा डायलॉग
बता दें कि इस मुद्दे पर अब तक किसी और सिलेब्रिटी ने कोई राय नहीं दी है लेकिन अख्तर के इस पोस्ट पर आम पब्लिक जमकर अपनी बातें लिख रहे हैं।
एक ने फिल्म ‘शोले’ का क्लिप शेयर किया है और लिखा है, ‘जावेद साहब आपने ये बिल्कुल सटीक डायलॉग लिखा है।’ इस क्लिप में जय और वीरू ठाकुर से सवाल कर रहे हैं- इस काम के लिए आपने हमको क्यों चुना, जिसपर ठाकुर कहते हैं- क्योंकि लोहा लोहे का काटता है।
लोगों ने कहा- फिलहाल, दुश्मन का दुश्मन दोस्त
एक ने कहा है, ‘किसने सोचा होगा कि एक दिन तालिबान भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा होगा।’
एक और ने कहा- आपने ही तो लिखा था शोले में कि- लोहा लोहे को काटता है।
एक और ने कहा, ‘फिलहाल, दुश्मन का दुश्मन दोस्त। भू-राजनीति में, हर चीज नैतिकता और नैतिकता पर आधारित नहीं हो सकती। कभी-कभी, हमें अपने राष्ट्रीय हितों को आगे बढ़ाने के लिए स्ट्रैटिजी का सहारा लेना पड़ता है।’
यूजर ने पूछा- आप पाकिस्तान में क्या कर रहे थे?
कुछ ने उन्हें उनके पाकिस्तान दौरे की याद दिलाई है और पुराना वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है। यूजर ने वीडियो शेयर कर कहा, ’26/11 और पुलवामा जैसे हमलों के बावजूद (और उसके बाद भी) आप पाकिस्तान में क्या कर रहे थे? आखिर किस बात का जश्न मना रहे थे?
अब जब भारत अपनी सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल पाकिस्तान के भू-राजनीतिक प्रतिद्वंदी को साधने के लिए कर रहा है, तो आपको क्या दिक्कत है? कुछ तो गड़बड़ है?’
मुत्तकी ने कहा- हम नए डिप्लोमैट्स भेजेंगे
बता दें कि अपनी इस यात्रा के दौरान, मुत्तकी ने कहा है कि उन्हें भविष्य में भारत और अफगानिस्तान के बीच बेहतर संबंधों की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘हम नए डिप्लोमैट्स भेजेंगे और मुझे उम्मीद है कि आप लोग भी काबुल जाएंगे। दिल्ली में जिस तरह से मेरा स्वागत हुआ, उससे मुझे भविष्य में और मजबूत संबंधों की उम्मीद है। आनेवाले समय में ये दौरे लगातार हो सकते हैं।’