
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की रणनीति और टिकट बंटवारे को लेकर पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि “राज्य में 12 स्थानों पर महागठबंधन ने दोहरे उम्मीदवार उतारे हैं। क्या इस तरह से कोई गठबंधन सफल हो सकता है?”
उनके इस बयान से साफ है कि वह महागठबंधन की मौजूदा स्थिति से खासे असंतुष्ट हैं। उन्होंने आगे कहा कि “गठबंधन की जिम्मेदारी जिनके हाथों में है, उन्हें समन्वय स्थापित करने की जरूरत है।
जिस तरह से टिकट का बंटवारा हुआ है, वह पूरी तरह अव्यवस्थित और कार्यकर्ताओं की भावना के खिलाफ है। इससे सिर्फ भ्रम की स्थिति बनी है और जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटा है।”
कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस को अब आत्ममंथन करना चाहिए। यह सोचना होगा कि क्या वह जनभावनाओं के अनुरूप काम कर रही है या सिर्फ सत्ता की राजनीति में उलझी है।”
पप्पू यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार में महागठबंधन की एकजुटता को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। विभिन्न सीटों पर सीट शेयरिंग को लेकर असहमति और स्थानीय नेताओं की नाराजगी पहले से ही चर्चा में है। ऐसे में पप्पू यादव का खुलकर सामने आना गठबंधन की अंदरूनी खींचतान को और उजागर करता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव के इस बयान का असर सीमांचल क्षेत्र में साफ दिखाई देगा, जहां उनका जनाधार मजबूत है। उनके समर्थकों में यह संदेश जा रहा है कि वे केवल सत्ता नहीं, बल्कि सिद्धांतों की राजनीति कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस और अन्य घटक दल इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, और क्या पप्पू यादव की बातों पर आत्मचिंतन करते हैं या टकराव की स्थिति और गहराती है।