लोकतंत्र हमारे खून में, विपक्ष बनने के लिए मजबूर नहीं न्यायपालिका: किरेन रिजिजू

भुवनेश्वर। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका स्वतंत्र है और न्यायपालिका को कभी भी विपक्ष बनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। ओडिशा के भुवनेश्वर में सेंट्रल गवर्नमेंट लॉ ऑफिसर्स कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कानून मंत्री ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत विरोधी विदेशी ताकतें टुकड़े-टुकड़े गैंग की मदद से भारत पर हमला करती हैं। किरेन रिजिजू ने कहा कि कोई भी भारतीय लोकतंत्र पर सवाल नहीं उठा सकता क्योंकि लोकतंत्र हमारे खून में है। आजादी के नाम पर किसी को कुछ भी करने की छूट नहीं दी जा सकती, अगर ऐसा हुआ तो कानून व्यवस्था का क्या होगा।

कानून मंत्री ने कहा कि टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को यह समझ लेना चाहिए कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पूरी तरह से कायाकल्प होने की यात्रा पर निकल चुका है। इन गैंगों को भारत विरोधी विदेशी ताकतों से मदद मिलती है। ये ताकतें भारतीय लोकतंत्र, भारत सरकार, न्यायपालिका और अन्य अहम संस्थाओं जैसे सेना, चुनाव आयोग और जांच एजेंसियों पर हमला करती रहती हैं।

कार्यक्रम के दौरान कानून मंत्री ने कहा कि देश के भीतर और बाहर से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भारतीय न्यायपालिका संकट में है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर जजों को भला-बुरा कहा जाता है अगर सरकार को लेकर ऐसी बातें होती हैं तो इनका स्वागत है लेकिन न्यायपालिका की इस तरह आलोचना सही संकेत नहीं है।

कानून मंत्री ने कहा कि ‘जब हम भारत को सुरक्षित बनाना चाहते हैं तो हमें सख्त कानून बनाने होंगे। इनके बिना आजादी नहीं बचेगी। जब तक हमारी सीमा सुरक्षित है तब तक हम संविधान में दी गई सभी गारंटियों को लागू कर सकते हैं अन्यथा देश में अराजकता फैल जाएगी।

हमें अपने समाज को प्रावधानों से युक्त बनाना होगा तभी हम पूरी तरह सुरक्षित होंगे। जिस तरह एक बॉडी बिल्डर को शेप में आने केलिए खूब पसीना बहाना पड़ता है उसी तरह आजादी और अधिकार पाने के लिए भी हमें कई चीजों का त्याग करना होगा।’

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