लखनऊ। सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अधिकारी के 20 लाख रुपये रिश्वत मांगते वायरल वीडियो को लेकर उप्र में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है।
हालांकि, इस वीडियो की सत्यता की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन विपक्ष ने इसको लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी वीडियो ट्वीट किया है।
यह वीडियो मेरठ में तैनात एक अधिकारी का बताया जा रहा है, लेकिन मेरठ पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि यह वीडियो दो वर्ष पुराना है जिसका संबंध मेरठ से नहीं है। प्रकरण के संबंध में पूर्व में ही जांच पूरी हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि वायरल वीडियो 2021 में वाराणसी कमिश्नरेट में तैनात रहे एक आईपीएस का है। एक स्कूल संचालक को एक घटना में बचाने के एवज में 20 लाख रुपये मांगे गए थे। माना जा रहा है कि संचालक ने इस कॉल को रेकॉर्ड कर लिया था। मामले की उच्चस्तरीय जांच भी हुई थी।
इसके बाद अफसर को वहां से हटाकर इंटेलिजेंस मुख्यालय में तैनात किया गया था। कुछ समय बाद अफसर को फतेहपुर और फिर मेरठ में तैनाती दे दी गई। मामले में उच्चाधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
अखिलेश का योगी सरकार पर निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस वीडियो के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया ‘उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त बीजेपी सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी। उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति बीजेपी की झूठी जीरो टालरेंस की सच्चाई।‘