पाकिस्तान का तोशाखाना: सरकारी खजाने की लूट में सभी हुक्मरान रहे शामिल  

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में तोशाखाने का मामला शांत होते नहीं दिख रहा है। लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद पहली बार पाकिस्तान सरकार ने 2002 से अब तक के तोशाखाना में रखे गए गिफ्ट और उसकी नीलामी के सारे रिकॉर्ड को सार्वजनिक कर दिया है। रिकॉर्ड सार्वजनिक होते ही इमरान खान के साथ-साथ कई पूर्व प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों पर भी पद के दुरुपयोग का आरोप लगने लगा है।

रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि विदेशों से पाकिस्तान के नेताओं और राष्ट्राध्यक्षों को कई महंगे तोहफे मिले थे। जिनमें गोल्ड प्लेट वाली AK-47 राइफल, करोड़ों रुपये की घड़ी से लेकर महंगी पेन और गहने तक शामिल हैं। इन्हें तोशखाना में रखकर नेताओं ने सस्ते दामों पर खुद खरीद लिया।

466 पन्ने का रिकॉर्ड, मुशर्रफ से लेकर आरिफ अल्वी तक का खुला इतिहास

पाकिस्तान के जियो टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को कैबिनेट डिवीजन की वेबसाइट पर तोशाखाना के 2002 से 2023 तक का 466 पन्नों का रिकॉर्ड अपलोड किया गया। तोशाखाना से गिफ्ट हासिल करने वालों में पूर्व राष्ट्रपतियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों और सरकारी अफसरों के नाम शामिल हैं।

इनमें पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अलावा वर्तमान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के तोशाखाना रिकॉर्ड भी शामिल हैं।  

किसे क्या मिला?

परवेज मुशर्रफ

2001 से 2007 और फिर 2007 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ को 65 लाख रुपए से ज्यादा के गिफ्ट मिले थे। परवेज मुशर्रफ को अलग-अलग वक्त पर दर्जनों बेशकीमती घड़ियां और ज्वेलरी बॉक्स मिले, जिन्हें उन्होंने कानून के मुताबिक पैसे देकर रख लिया।

इसके अलावा कम कीमत के तोहफे हासिल करने वालों ने वो तोहफे अपने पास ही रख लिए। क्योंकि 2022 में 10,000 रुपये से कम कीमत के तोहफे बिना भुगतान के रखने का कानून था।

नवाज शरीफ

तीन बार के प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने अप्रैल 2008 में तोहफे में मिली 4.2 मिलियन रुपये की मर्सिडीज बेंज कार को 636,888 रुपये का भुगतान करके अपने नाम करवा लिया था। नवंबर 2013 में उन्होंने रोलेक्स घड़ी और कुछ अन्य वस्तुओं के लिए कुल 243,000 रुपये का भुगतान किया। जबकि एक रोलेक्स कलाई घड़ी की कीमत उस वक्त 1.18 मिलियन रुपये थी।

उन्होंने एक पियाजेट कलाई घड़ी जिसकी कीमत एक मिलियन रुपये थी उसे भी 240,000 रुपये का भुगतान करके खुद ले लिया। इसके साथ कुछ इत्र के बॉक्स भी उन्होंने ले लिया। जनवरी 2016 में उन्होंने एक क्रिस्टोफर क्लैरट घड़ी जिसकी कीमत दो मिलियन रुपये, एक अंगूठी जिसकी कीमत 19.5 मिलियन रुपये और कफलिंक की एक जोड़ी जिसकी कीमत 16 मिलियन रुपये थी, उसे भी अपने पास रखा। इसके लिए उन्होंने केवल 7.6 मिलियन रुपये का भुगतान किया था।

इसके अलावा उनकी पत्नी कुलसुम नवाज ने 10.8 मिलियन रुपये का भुगतान करके एक सोने का कंगन जिसकी कीमत 12.7 मिलियन रुपये और एक हार और कान की बाली जिसकी कीमत 41.6 मिलियन रुपये थी, उसे अपने पास रख ली।

फरवरी 2016 में, नवाज ने 3.2 मिलियन का भुगतान करके एक डेला कोर्ट घड़ी जिसकी कीमत 3.2 मिलियन रुपये, एक अंगूठी जिसकी कीमत 8 मिलियन रुपये और कफ़लिंक की एक जोड़ी  जिसकी कीमत 5 मिलियन रुपये थी, उसे भी अपने पास रख ली। अक्टूबर 2016 में उन्होंने उनके और कुछ अन्य वस्तुओं के लिए 469,000 रुपये का भुगतान किया।

इसके बाद उन्होंने 1.2 मिलियन रुपये की एक रोलेक्स घड़ी, आठ लाख 50 हजार रुपये की दूसरी रोलेक्स घड़ी घड़ी अपने पास रख ली। मार्च 2017 में उनके बेटे हुसैन नवाज ने नौ लाख 40 हजार रुपये की एक रोलेक्स घड़ी को 186,000 रुपये का भुगतान करके ले ली।

इस बीच, नवाज शरीफ ने 207,560 रुपये और एक टेबल घड़ी का भुगतान करने के बाद खुद एक हीरे का हार जिसकी कीमत 10 लाख रुपये थी, उसे अपने पास रख लिया। मई 2017 में नवाज ने चार मिलियन रुपये की एक रोलेक्स घड़ी के लिए महज 808,000 रुपये का भुगतान किया।  

इमरान खान

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 8.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपए की एक सोने की घड़ी मिली थी जिस पर हीरे लगे थे। इसे अलावा 56 लाख की कफलिंक की एक जोड़ी, 15 लाख का पेन और 85 लाख की अंगूठी मिली थी। इमरान ने इसके बदले सिर्फ दो करोड़ रुपए जमा किए और इन सारे गिफ्ट्स को अपने नाम कर लिया। कई गिफ्ट के लिए उन्होंने कोई भी पैसा नहीं दिया।

आसिफ अली जरदारी

पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने 5.7 करोड़ रुपए की BMW 760 Li कार और पांच करोड़ रुपए की टोयोटा लेक्सस LX 470 कार को कम कीमत देकर खरीद लिया। रिकॉर्ड के मुताबिक, 10 करोड़ से ज्यादा की कीमत के सामान के बदले उन्होंने सिर्फ 1.6 करोड़ रुपए दिए। इसके अलावा भी उन्होंने 2.7 करोड़ रुपए की एक और कार को सिर्फ 40 लाख रुपए में तोशाखाना से निकलवा लिया।

मार्च 2011 में उन्होंने 158,250 रुपये का भुगतान करके एक मिलियन रुपये की घड़ी के साथ कुछ अन्य कीमती वस्तुओं को अपने पास रख लिया। जून 2011 में उन्होंने कुल 189,219 रुपये का भुगतान करके 1.25 मिलियन रुपये की एक कोरम कलाई घड़ी अपने पास रखी। अक्टूबर 2011 में 1 मिलियन रुपये की एक और कार्टियर कलाई घड़ी और एक एके-47 बंदूक को महज 321,000 रुपये का भुगतान करके ले लिया।  

आरिफ अल्वी: राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की पत्नी समीना अल्वी ने अक्टूबर 2019 में 865,000 रुपये का एक ज्वैलरी बॉक्स और कुछ अन्य सामान अपने पास रखा। फरवरी 2022 में राष्ट्रपति ने 1.2 करोड़ रुपये चुकाने के बाद खुद एक रोलेक्स कलाई घड़ी जिसकी कीमत 2.5 करोड़ रुपये थी, उसे अपने पास रख ली।

अन्य नेताओं का क्या?

पूर्व प्रधानमंत्री और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने नवंबर 2012 में 890,000 रुपये मूल्य की एक ग्रेफ कलाई घड़ी और कुछ अन्य महंगे सामान अपने पास रखे। इसके लिए उन्होंने कुल 218,000 रुपये का भुगतान किया।

पूर्व-प्रीमियर शाहिद खाकान अब्बासी ने अक्टूबर 2017 में एक हब्लोट कलाई घड़ी जिसकी कीमत 15 मिलियन रुपये, कफलिंक की एक जोड़ी जिसकी कीमत 1.2 मिलियन रुपये, 1.5 मिलियन रुपये का एक पेन, 3 मिलियन रुपये की एक अंगूठी, 1.85 मिलिनयन रुपये की प्रार्थना की माला अपने पास रखी। इसके लिए उन्होंने महज 4.5 करोड़ रुपये चुकाए। उनकी पत्नी समीना शाहिद ने भी 19.99 लाख रुपये चुकाकर 99 लाख रुपये की एक ज्वेलरी सेट अपने पास रख ली।

नवंबर 2017 में अब्बासी ने 4.59 मिलियन रुपये का भुगतान करके 23 मिलियन रुपये की एक रोलेक्स घड़ी बॉक्ससेट, अपने पास रख ली। अप्रैल 2018 में 23 मिलियन रुपये की रोलेक्स घड़ी को महज 5.27 मिलियन रुपये में खरीद ली। पूर्व प्रधान मंत्री यूसुफ रजा गिलानी की पत्नी फौजिया गिलानी ने दिसंबर 2009 में 326,043 रुपये का भुगतान करके दो मिलियन रुपये का आभूषण सेट अपने पास रखा।  

क्या है तोशाखाना मामला?

दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा।

यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था।

बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया।

इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं। अब तोशखाने के पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि महंगे गिफ्ट्स को सस्ते दामों में सिर्फ इमरान ने नहीं, बल्कि पाकिस्तान के कई पूर्व नेताओं ने भी अपने नाम कर लिया था।

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