प्रयागराज। गत 24 फरवरी को प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से यूपी एसटीएफ और कई जिलों की पुलिस अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की बीवी जैनब फातिमा की तलाश में जुटी है लेकिन वे दोनों मिल नहीं रहीं।
शाइस्ता की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पूरी ताकत लगा दी है लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। ऐसे में शाइस्ता परवीन के सरेंडर की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है वह कभी भी चुपके से कोर्ट में सरेंडर कर सकती है।
गुरुवार को भी चकिया से प्रयागराज और कौशांबी समेत प्रतापगढ़ में भी पुलिस और एसटीएफ ने सर्च आपरेशन चलाया। हालंकि वह मिली नहीं। इस बीच शाइस्ता को अदालत में सरेंडर कराने के लिए वकीलों की नई टीम तैयार की गई है। जिला कचहरी में पुलिस फोर्स शाइस्ता के लिए मुस्तैद रही।
24 फरवरी को उमेश पाल के शूटआउट के बाद फरार शाइस्ता तथा जैनब फातिमा पिछले हफ्ते अतीक-अशरफ का कत्ल होने के बाद जनाजे में शामिल होेने के लिए भी नहीं पहुंची जबकि पुलिस को भी उन दोनों के आने की पूरी संभावना थी।
शनिवार की रात अतीक और अशरफ के मारे जाने के बाद से शाइस्ता के बारे में कहा जा रहा है कि वह प्रयागराज और कौशांबी के बीच कहीं किसी रिश्तेदार या करीबी के घर पर छिपी हो सकती है।
इसी वजह से पुलिस इन इलाकों के गांव में लगातार घर-घर सर्च आपरेशन चला रही है। करेली, कसारी-मसारी के अलावा धूमनगंज, पूरामुफ्ती, कोखराज में तमाम गांव में अतीक के रिश्तेदार रहते हैं जहां शाइस्ता के छिपे होने की आशंका है। घर-घर खोजबीन के बाद भी गुरुवार शाम तक शाइस्ता मिली नहीं।
पुलिस ने गंगा-यमुना के कछारी गांव में शाइस्ता की तलाश में ड्रोन कैमरे का भी इस्तेमाल किया लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिल सकी है। ये भी पुष्टि नहीं हुई कि शाइस्ता वहां आई थी। शक है कि शाइस्ता के साथ शूटर साबिर भी हो सकता है क्योंकि वह लंबे समय से शाइस्ता का कार ड्राइवर भी रहा है। ज्यादातर वह साथ ही रहता था।
आज सरेंडर की संभावना पर पुलिस रहेगी अलर्ट
माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता शुक्रवार को आत्मसमर्पण के लिए जिला अदालत पहुंच सकती है। इसलिए पुलिस का घेरा अदालत परिसर में रहेगा। पता चला है कि अतीक के नए वकीलों की टीम ने शाइस्ता को सुरक्षित अदालत तक पहुंचाने और समर्पण कराने के लिए रूपरेखा तैयार कर ली है।
अतीक और अशरफ के पुराने अधिवक्ताओं की टीम का चेहरा अब पुलिस में जाना-पहचाना है इसलिए शाइस्ता की ओर से नए अधिवक्ताओं की टीम खड़ी कर दी गई है। ये अधिवक्ता गुरुवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट से लेकर आफिस तक जानकारी जुटाते रहे।
वहीं, दूसरी ओर सादे वर्दी में सुरक्षाबलों के तैनात जवान भी चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। जहां भी अतीक और अशरफ की बात होती थी, वहां खड़े होकर वकीलों की बातों को ध्यान से सुनते रहे। अतीक अहमद के अधिवक्ता विजय मिश्रा ने बताया कि उन्हें शाइस्ता के बारे में किसी प्रकार की कोई जानकारी नही है। वह कहां है, कब समर्पण करेगी, कुछ भी पता नहीं है।
नूरी की नहीं आई रिपोर्ट, 24 की तिथि नियत
अतीक की बहन आयशा नूरी के आत्मसमर्पण की अर्जी पर अदालत द्वारा मांगी गई रिपोर्ट धूमनगंज थाने से नहीं पेश की गई। इस पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में अर्जी पर सुनवाई के लिए 24 अप्रैल की तिथि नियत किया है।