![Wrestlers against Brijbhushan Singh](https://divyaindianews.com/wp-content/uploads/2023/04/Wrestlers-against-Brijbhushan-Singh-780x442.jpg)
नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोला है। लगभग तीन महीने बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर कल रविवार को जुटे पहलवानों का धरना आज सोमवार को भी जारी है।
पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगोट, साक्षी मलिक और संगीता फोगोट के नेतृत्व में जुटे पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ एफआइआर कराने की मांग की है। बजरंग पुनिया ने कहा, “अभी शिकायत किए हुए 48 घंटे से ज्यादा हो गया मगर अभी तक FIR नहीं हुई है…इस बार सभी का स्वागत है। कोई भी पार्टी (भाजपा, कांग्रेस, AAP) आए, सभी का स्वागत है।”
वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि WFI प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के बीच पुलिस ने उनकी (प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की) शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।
7 महिला पहलवानों ने CP थाने में दी यौन शौषण की शिकायत
विनेश फोगोट ने कहा, “सात महिला पहलवानों ने कनोट प्लेस (CP) थाने में दो दिन पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दी है। इसमें से एक पहलवान नाबालिग है। इसलिए बृजभूषण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पोक्सो के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने उनका नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग भी की।”
विनेश ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि दो दिन पहले हमनें शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब तक कार्रवाई नहीं होगी, हमारा धरना जारी रहेगा। हम महिला पहलवानों को इंसाफ दिलाए बिना अब यहां से नहीं उठेंगे।
वहीं, बजरंग पुनिया ने कहा, “हमें सरकार पर भरोसा था। जनवरी में जब हमने धरना दिया था, सरकार ने सभी मांगें मानने और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। जांच के लिए समिति भी गठित की थी। लेकिन, ढाई महीने में समिति किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। अब वे हमसे संपर्क भी नहीं कर रहे हैं।
खेल मंत्रालय से संपर्क करने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने हमसे मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए मजबूरन हमे यहां धरने पर बैठना पड़ा है। हमे तो पुलिस की ओर से धरना देने तक की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन, न्याय मिलने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”
साक्षी ने कहा, “समिति की रिपोर्ट सावर्जनिक की जानी चाहिए। हम अपना खेल, भविष्य सबकुछ दांव पर लगाकर इसलिए आए हैं कि देश में कुश्ती जीवित रहे। बाहुबली और राजनीतिक लोगों के लिए कुश्ती संघ नहीं है, यह खिलाड़ियों के लिए है। इसलिए खिलाड़ी ही इसका प्रमुख होना चाहिए।”
जनवरी में भी जंतर-मंतर पर जुटे थे सभी पहलवान
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में ये सभी पहलवान जंतर-मंतर पर जुटे थे। इन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शौषण किए जाने की शिकायत की थी। तीन दिन चले धरने के बाद बृजभूषण सिंह को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया गया था।
केंद्र सरकार की ओर से पूरे मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी। इसकी प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी काम को बनाया गया था। ओलिंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता तृप्ति मुरगुंडे, टोप्स के सीईओ राजगोपालन, राधा श्रीमन और बबीता फोगाट को सदस्य बनाया गया था।