मिशन 80 हेतु SWOT प्लानिंग में जुटी BJP, हर सीट के लिए होगी अलग रणनीति

नई दिल्ली/लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2024 के लिए भाजपा की उत्तर प्रदेश पर खास नजर है। प्रदेश की 80 सीटों के लिए पार्टी SWOT प्लानिंग में जुटी है। हर सीट के साथ ही उसके तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से प्लान तैयार हो रहा है। वहीं हर लोकसभा सीट के हिसाब से वहां पार्टी की ताकत, कमजोरी, अवसर और खतरों को इस प्लान में शामिल किया गया है।

इसी आधार पर भाजपा हर सीट पर चुनावी तैयारियों का खाका खींचेगी। पार्टी का प्रयास है कि आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में उप्र की सभी सीटों पर कब्जा किया जाएगा, इसको लेकर संगठन में तेजी से कार्य चल रहा है।

क्या है भाजपा का SWOT प्लान

भाजपा एक ओर महाजनसंपर्क अभियान के जरिए विभिन्न वर्गों में अपनी पैठ बढ़ाने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी ओर SWOT-स्वॉट (Strength, Weakness, Opportunity and Threat) रणनीति तैयार की जा रही है। इसी प्लान के जरिए पार्टी अपनी ताकत और कमजोरी का आंकलन करेगी ताकि समय रहते खतरों को भांपते हुए कमजोरियों को दूर किया जा सके। विपक्षी दलों के एका की चर्चाओं के बीच भाजपा चुपचाप अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाने और आगे का रोडमैप तैयार करने में जुटी है। काफी हद तक इस काम को पूरा भी कर लिया गया है।

2017 व 2022 के चुनाव में क्या रही भाजपा की स्थिति

स्वॉट रणनीति के तहत हर सीट पर यह देखा जा रहा है कि वहां पार्टी की ताकत क्या है? मसलन, कार्यकर्ताओं की फौज, बूथ स्तरीय संगठन, संघ और अन्य सहयोगी संगठन। कमजोरी के तहत यह आंकलन किया जा रहा है कि मौजूदा सांसद या पिछली बार के प्रत्याशी की क्षेत्र में क्या स्थिति है। कार्यकर्ताओं के बीच उसकी छवि कैसी है।

वहीं उस लोकसभा क्षेत्र के तहत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की क्या स्थिति है। इसमें 2017और 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजों को शामिल किया गया है। आपको बता दें कि आजमगढ़ लोकसभा सीट भाजपा ने उपचुनाव तो जीत ली लेकिन वहां पार्टी का विधायक एक भी नहीं है जबकि 2017 में एक विधायक था।

किस रणनीति के तहत किया जा रहा कार्य

दूसरे दलों के कौन से मजबूत चेहरे हैं, जिन्हें साथ जोड़ा जा सकता है। किन लोगों का सामाजिक दृष्टि से क्षेत्र में प्रभाव है। उन्हें चिन्हित किया जाए। इसके साथ ही सीटवार यह भी देखा जा रहा है कि वहां चुनौतियां क्या हैं। कौन सा दल या नेता पार्टी के लिए थ्रैट हो सकता है। इलाकेवार मजबूत सहयोगियों को साथ जोड़ने की मुहिम भी इसी प्लान का हिस्सा है। पार्टी आने वाले दिनों में इसी प्लान के हिसाब से तय रणनाति पर आगे बढ़ेगी।

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