
नई दिल्ली। दिल्ली के गैस चैंबर में तब्दील होने से यहां की हवा सेहत के लिए घातक बन चुकी है। इससे आंखों में जलन, सिर में दर्द व गले में खराश हर कोई महसूस करने लगा है। अस्पतालों की इमरजेंसी में सांस के मरीज 30 प्रतिशत बढ़ गए हैं। अगले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है।
AQI 400 से अधिक
विशेषज्ञों के अनुसार एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से अधिक पहुंच जाए, तो ऐसी हवा सांस लेने लायक नहीं रहती। दूसरी ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार, आज शुक्रवार सुबह आठ बजे तक दिल्ली के मुंडका इलाके का औसत AQI 500, आईटीओ में 451, नजफगढ़ में 472, आईजीआई एयरपोर्ट में 500, नरेला में 500 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा के सेक्टर-125 में AQI 400 पर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गया है।
40-50 सिगरेट के बराबर फेफड़ों में पहुंच रहा धुआं
दिल्ली में कुछ जगहों पर वातावरण में पीएम 10 का स्तर 800 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में धूम्रपान नहीं करने वाले व्यक्ति के फेफड़े में भी सांस के जरिये 40 से 50 सिगरेट पीने के बराबर धुआं पहुंच रहा है।
बढ़ गई सांस की बीमारी
दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब होने से सांस के पुराने मरीजों की बीमारी बढ़ गई है। कई मरीज अस्थमा के अटैक के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल में करीब 30 प्रतिशत मरीज बढ़ गए हैं। मरीजों की दवाओं का डोज बढ़ाना पड़ रहा है। खांसी, बलगम के साथ मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
सुबह और शाम को न करें सैर।
बच्चे व बुजुर्ग बेवजह घर से बाहर न निकलें। घर में ही रहें।
खिड़कियों और दरवाजे बंद रखें।
घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करें।
सांस की परेशानी होने पर भाप ले सकते हैं और डाक्टर को दिखाएं।
गले में खराश होने पर गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।
खानपान में हरी सब्जियों व मौसमी फलों का इस्तेमाल करें।