लंदन। हमास और इस्राइल के बीच चल रहे युद्ध की दुनियाभर में आलोचना हो रही है। सात अक्तूबर को इस्राइल पर गाजा स्थित हमास आतंकी संगठन ने पांच हजार रॉकेट दागे। जिसके बाद से ही इस्राइल और हमास के बीच भीषण युद्ध की शुरूआत हुई। हमास द्वारा किए गए हमले को तमाम देशों ने गलत करार दिया। इसी बीच, कई देश दुनियाभर में यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ समर्थन कर रहे हैं।
सड़कों पर यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ मार्च
ब्रिटेन की राजधानी लंदन में हजारों लोगों ने यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ मार्च निकाला, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन समेत तकरीबन एक लाख लोगों ने हिस्सा लिया। बता दें हमास-इस्राइल का युद्ध शुरू होने के बाद से ही ब्रिटेन की सड़कों पर फलस्तीनी समर्थनों ने लगातार विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच, यह रैली यहूदी विरोध भावना के खिलाफ हो रही है।
भारतीय प्रवासियों ने भी लिया मार्च में भाग
इस मार्च में ब्रिटेश में मौजूद भारतीय मूल के लोगों ने भी भाग लिया। यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए लंदन में मार्च निकाला गया। इस मार्च में कई लोगों के हाथ में इस्राइली झंडे के साथ भारतीय झंडा भी मौजूद था।
मौजूद लोगों ने सात अक्तूबर को इस्राइल पर हुए आतंकी हमलों की निंदा की साथ ही 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों की 15वीं बरसी पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
इस्राइल के साथ, बेकसूर लोगों के प्रति हमारी संवेदना
मार्च में मौजूद जिग्नेश पटेल ने कहा, हम युद्ध की आलोचना करते हैं। हम युद्ध में मारे गए बेकसूर लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। यहूदी लोगों के साथ हम एकजुटता के साथ खड़े हैं। हम सब इस्राइल के साथ हैं। ब्रिटेन की सरकार से यहूदी विरोधी भावना के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। साथ ही, इस्राइल को एकजुट समर्थन देने की प्रतिज्ञा ली।
क्या है मामला
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइल के लोगों पर आतंकी हमला किया। साथ ही हमास के आतंकियों ने इस्राइली सीमाओं को तबाह कर कई लोगों को बंधक बना लिया था। इस युद्ध में कई लोगों की मौत हो गई। जवाबी कार्रवाई करते हुए इस्राइल ने गाजा स्थित हमास के आतंकी संगठनों को तबाह करने की कार्रवाई शुरू कर रखी है।