
भोपाल। मप्र में सोमवार को मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार हुआ। 28 नेताओं को मंत्री बनाया गया। 18 नेताओं को कैबिनेट मंत्री, 6 नेताओं को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 को राज्य मंत्री बनाया गया। इस मंत्रिमंडल विस्तार में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की एक छवि भी दिखती है। राज्य के 29 लोकसभा क्षेत्रों में से 23 का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हो गया है।
इन इलाकों से नहीं बनाया गया मंत्री
हालांकि, बालाघाट, छिंदवाड़ा, धार, गुना, खंडवा और खरगोन लोकसभा क्षेत्र से कोई मंत्री नहीं है। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी सात विधानसभा सीटों से कांग्रेस जीती थी। बात करें धार लोकसभा क्षेत्र की तो यहां आठ विधानसभा सीटें हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर भाजपा और पांच पर कांग्रेस ने बाजी मार ली।
लोकसभा चुनाव के लिए जी-जान से जुटी पार्टी
मंत्रिमंडल विस्तार के पहले ही इस बात की पूरी उम्मीद थी कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए क्षेत्रीय समीकरणों पर विशेष ध्यान देगी। केंद्रीय नेतृत्व से भी इसी तरह के निर्देश मिलने की बात सामने आ रही थी।
जो उम्मीद है तकरीबन वैसा ही हुआ। अब मंत्री बनाए गए नेताओं को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जी-जान से जुटना होगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को प्रदेश के जनता द्वारा किए गए वादों को पूरा करे।
किस अंचल का कितना प्रतिनिधित्व
ग्वालियर-चंबल-6
बुंदेलखंड – 3
विंध्य -4
महाकोशल – 3
मध्य भारत – 8
मालवा-निमाड़ – 9
भाजपा का जातीय समीकरण का दांव
मप्र सरकार में एक तरफ जहां OBC से ताल्लुक रखने वाले डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया। वहीं, एक अनुसूचित जाति और एक अनारक्षित नेता को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके अलावा, 13 OBC, पांच SC और पांच ST (इनमें पांच महिला शामिल हैं) को मंत्री बनाया गया है।