रांची। जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए गए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज रांची के विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में आगे की पूछताछ के लिए सोरेन की रिमांड की मांग करेगा। ईडी टीम ने बुधवार रात सात घंटे की पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले ईडी की हिरासत में ही सीएम हेमंत ने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
एजेंसी के सूत्रों ने बताया, बुधवार को सोरेन से करीब 15 सवाल पूछे। इससे पहले 20 जनवरी को भी उनसे पूछताछ की गई थी। पूछताछ के दौरान जवाब के आधार पर उनका टाइपशुदा बयान दर्ज किया गया, जो हिरासत में लिए जाने से पहले उन्हें दिखाया गया। ईडी ने उनसे इस बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। सोरेन ने हस्ताक्षर किए या नहीं, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है।
हाईकोर्ट में हेमंत की याचिका पर आज सुनवाई
ईडी समन के खिलाफ हेमंत ने बुधवार शाम झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर बृहस्पतिवार सुबह 10:30 बजे सुनवाई होगी। याचिका दायर होने तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई थी। याचिका में हेमंत ने कहा, एजेंसी जांच में मदद न करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि इस आधार पर किसी को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
इस्तीफा देने तक गिरफ्तारी मेमो पर नहीं किए हस्ताक्षर
ED के अधिकारियों ने बताया कि हेमंत ने अपनी गिरफ्तारी टालने का भी पूरा प्रयास किया। यहां तक कि उन्होंने ईडी की ओर से दिए गए गिरफ्तारी मेमो पर हस्ताक्षर करने से मना किया। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद ही उन्होंने मेमो पर दस्तखत किए। गिरफ्तारी के बाद ईडी ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया।
गिरफ्तारी के लिए सदन के अध्यक्ष की अनुमति जरूरी, इसलिए पहले इस्तीफा
आपराधिक मामले में किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति जरूरी होती है। इसके लिए उन्हें सूचित करना पड़ता है। इस प्रक्रिया से बचने के लिए ही ईडी ने सोरेन को पहले हिरासत में लिया और बाद में राज्यपाल के पास ले गए। यहां इस्तीफा होने के बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई।
बचाव में दांव पेच- ईडी टीम पर केस, गृह सचिव को हटाया
हेमंत पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। हालांकि, उन्होंने ईडी से बचने के लिए पूरा जोर लगाया। उन्होंने दो दिन पहले दिल्ली में अपने घर की तलाशी लेने के मामले में ईडी टीम के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत रांची में केस दर्ज करा दिया। आरोप लगाया, परेशान करने और छवि खराब करने के लिए तलाशी हुई थी।
एसएसपी चंदन सिन्हा ने केस दर्ज होने की पुष्टि की। हेमंत ने बुधवार सुबह ही गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अविनाश कुमार को भी पद से हटा दिया। उन्हें नई पोस्टिंग नहीं दी गई। अविनाश मंगलवार को राज्यपाल से मिलने वाले अधिकारियों में शामिल थे।
ईडी ने भेजे 10 समन
मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को 10 समन भेजे थे। 29 जनवरी को एजेंसी दिल्ली स्थित उनके आवास पर उनसे पूछताछ करने पहुंची थी, लेकिन वह नहीं मिले थे। बाद में उन्होंने एजेंसी को 31 जनवरी को रांची स्थिति उनके घर आकर पूछताछ करने के लिए कहा था। इससे पहले एजेंसी उनसे 20 जनवरी को सीएम आवास में पूछताछ की थी। उस दिन एजेंसी ने करीब 7-8 घंटे तक पूछताछ की थी।
शपथ के लिए नहीं मिला समय
चंपई सोरेन ने राज्यपाल को 43 विधायकों के समर्थन की सूची व पत्र सौंपा है। 81 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 42 विधायकों की जरूरत है। चंपई ने बताया कि राज्यपाल ने दावे पर विचार कर उन्हें बुलाने की बात कही है। अभी शपथ ग्रहण के लिए समय नहीं दिया गया है।
भाभी के विरोध से रुका कल्पना का रास्ता
हेमंत पत्नी कल्पना को पद सौंपना चाहते थे। पर, उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन की विधवा और विधायक सीता ने बगावत कर दी। उन्होंने साफ कर दिया कि कल्पना को किसी सूरत में मंजूर नहीं करेंगी। झामुमो के सात विधायक भी कल्पना के पक्ष नहीं थे। परिवार में विरोध के चलते हेमंत पीछे हटे। एक कांग्रेस नेता ने बताया, विधायकों से दो पत्रों पर दस्तखत कराए थे। एक में कल्पना, दूसरे में चंपई का नाम था।