नई दिल्ली। उत्तर भारत में बुधवार को दिनभर सूरज आग उगलता रहा। उप्र, मप्र, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिप्र, चंडीगढ़ व दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में गर्म हवाएं झुलसा रही थीं। राजस्थान में भीषण गर्मी से पांच लोगों की मौत हो गई। प्रदेश में सात दिन में 56 लोगों की मौत हुई है।
दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने बुधवार को अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। यह 79 वर्षों में सबसे अधिक है। 17 जून, 1945 को तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस था।
गर्मी से बेहाल दिल्ली ने राहत की सांस तब ली, जब शाम में NCR में छिटपुट वर्षा हुई। मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही रेड अलर्ट जारी कर दिया था। सागर से आने वाली हवा ने राजस्थान को थोड़ी राहत पहुंचाई।
आज से यहां बारिश की संभावना
पश्चिमी उप्र, मप्र, बिहार, झारखंड एवं ओडिशा की स्थिति गंभीर बनी हुई है। IMD का कहना है कि NCR में छिटपुट वर्षा के बावजूद उत्तर-पश्चिम भारत को बहुत राहत नहीं मिलने जा रही।
पाकिस्तान में बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण गुरुवार से शुक्रवार के बीच दिल्ली समेत जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में वर्षा की स्थिति बन रही है, लेकिन इसका असर खत्म होते ही तापमान फिर कुछ ऊपर चढ़ सकता है।
क्यों बढ़ रहा तापमान
दो दिन पहले तक दिल्ली में पूर्व से नमी वाली हवा आ रही थी, जिसमें तापमान 40-42 डिग्री होने के बावजूद 50 डिग्री वाली गर्मी का अनुभव हो रहा था। ¨कतु हवा की दिशा बदली और पश्चिम से पूर्व की ओर चलने लगी तो राजस्थान से आने वाली लू के चलते तापमान भी ऊपर चढ़ गया।
मौसम विज्ञानी महेश पलावत इसे ला-नीना इफेक्ट भी मानते हैं। उनका कहना है कि अलनीनो जिस वर्ष समाप्त होने लगता है, उस वर्ष का तापमान थोड़ा बढ़ जाता है।