बांग्लादेश में नई सरकार आने से बदल सकती है भारत की विदेशी कूटनीति, जानें क्या होगा बदलाव?

ढाका। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच सोमवार को तख्तापलट हो गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और राजधानी ढाका छोड़ दिया है। राष्ट्र के नाम एक टेलीविजन संबोधन में, सेना प्रमुख वकर-उज़-ज़मान ने कहा कि सेना अंतरिम सरकार बनाएगी।

कई रिपोर्टों के अनुसार, हसीना अपनी बहन शेख रेहाना के साथ देश छोड़कर चली गई हैं। एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की सड़कों पर रविवार को भीषण झड़पें हुईं, जिसमें मरने वालों की संख्या कम से कम 300 हो गई। हालांकि, इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया।

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट होने के बाद नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में वहां अंतरिम सरकार बनने वाली है। नई सरकार के सत्ता में आने का मतलब है विदेशी कूटनीति में भी बदलाव आएंगे।

शेख हसीना सरकार की विदाई ने भारत की भी चिंता बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि बांग्लादेश नेशनल पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लामी जैसी पार्टियां सत्ता में काबिज हो सकती हैं। इन पार्टियों का झुकाव चीन और पाकिस्तान की ओर है।

लंदर रवाना होंगी शेख हसीना

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शेख हसीना के बाद लंदन के लिए रवाना होने की उम्मीद है, जहां वह राजनीतिक शरण मांग रही हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की स्थिति के बारे में जानकारी दी है।

अभी तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शेख हसीना से मिलेंगे या नहीं। शेख हसीना के देश छोड़ कर भाग जाने के बाद पश्चिमी शक्तियों ने बांग्लादेश में शांति बनाए रखने का आह्वान किया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी पक्षों से “हिंसा से बचने” का आह्वान किया, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने “शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और लोकतांत्रिक परिवर्तन” का आह्वान किया।

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