रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र में एक दिन का राजकीय शोक, अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

मुंबई। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। उन्होंने 86 साल की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समूह की तरफ से संदेश जारी किया। चंद्रशेखरन ने पद्मविभूषण रतन टाटा योगदान को अतुल्य बताया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। NCPA में रतन टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। ऐसे में मुंबई में पुलिस ने मरीन ड्राइव रोड को ओबरॉय होटल तक बंद कर दिया गया है।

सचिन तेंदुलकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने पहुंचे

पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर रतन टाटा के कोलाबा स्थित आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं।

रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र में एक दिन के शोक का एलान

रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र सरकार ने एक दिन के शोक का एलान किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान में इसकी जानकारी दी गई है।

बयान में कहा गया है कि रतन टाटा के सम्मान में सभी सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और इस दौरान राज्य में कोई भी सांस्कृतिक या उत्सव कार्यक्रम नहीं होंगे।

पूरे राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। गौरतलब है कि झारखंड सरकार ने भी रतन टाटा के निधन पर एक दिन के शोक का एलान किया है।

पीएम मोदी ने नोएल टाटा से की बात

रतन टाटा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएल टाटा से बात की और रतन टाटा के निधन पर संवेदना व्यक्त की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत सरकार की ओर से रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।

मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार

एक बयान के अनुसार, रतन टाटा का अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान घाट पर किया जाएगा। शाम 4:00 बजे पार्थिव शरीर डॉ. ई. मोसेस रोड, वर्ली स्थित वर्ली श्मशान घाट ले जाया जाएगा।

सुंदर पिचाई बोले- टाटा असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए

गूगल के सीईओ भारतवंशी सुंदर पिचाई ने भी रतन टाटा के निधन पर संवेदनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा, रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात में हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था।

वह एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और रतन टाटा को शांति मिले।

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