लखनऊ। उप्र शासन द्वारा वर्ष 2021 में गठित प्रदेश के तीन जनपदों में दावा अधिकरण के कार्यालयों की स्थापना के क्रम में स्टार RTI एक्टिविस्ट सिद्वार्थ नारायण द्वारा छः बिन्दुओं पर दिनांक 27 फरवरी 2024 को मण्डलायुक्त कार्यालय जनपद प्रयागराज से सूचना माँगी गयी थी।
इस क्रम में दिनांक 08 नवम्बर 2024 को सूचना आयोग में सुनवाई हुई जिसमें सूचना आयुक्त राकेश कुमार ने समस्त अभिलेखों के परिशीलन के बाद अपर आयुक्त मण्डलायुक्त प्रयागराज को तत्काल प्रभाव से उक्त याचिका के क्रम में नोटिस जारी किया है।
गौरतलब है कि दावा अधिकरण का प्रयागराज कार्यालय शासन के आदेशों के तत्पश्चात भी मण्डलायुक्त कार्यालय प्रयागराज के एक छोटे से कोने में संचालित है, वादी प्रतिवादी, मा० सदस्य, मा० चेयरमैन व अधिकरण के कर्मचारियों के लिये किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
यह अत्यन्त गंभीर विषय है क्योंकि दावा अधिकरण शासनादेश होने के एवं शासन के दिशा-निर्देश होने के तत्पश्चात भी किसी भवन से संचालित नहीं है, न ही अधिकरण के पास मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हैं।
अधिकरण के अध्यक्ष एक वरिष्ठ सत्र एवं जनपद न्यायाधीश हैं एवं ऐसी बदहाल स्थिति में काम करने के लिये मजबूर हैं जिससे कि न्याय प्रक्रिया में अत्यन्त कठिनाईयाँ का सामना करना पड़ रहा है।
इस क्रम में सिद्वार्थ की आरटीआई में शासनादेश की अवहेलना एवं दावा अधिकरण को भूमि एवं मूलभूत सुविधाएं न उपलब्ध कराने के क्रम में फाइल नोटिंग एवं जिला स्तर पर प्रशासन द्वारा विगत तीन वर्षों में की गयी कार्यवाही की सूचना माँगी गयी है।