कौन हैं भारतवंशी काश पटेल, जिन्हें ट्रंप ने बनाया FBI का डायरेक्टर; गुजरात से है खास कनेक्शन

वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को एलान किया कि वह काश पटेल को Federal Bureau of Investigation (FBI) का डायरेक्टर बनाएंगे। ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल के लिए प्रशासन में कई भारतवंशियों को प्रमुख जिम्मेदारी देने का एलान कर चुके हैं, अब इस फेहरिस्त में भारतीय-अमेरिकी पेंटागन अधिकारी काश पटेल का नाम भी जुड़ गया है।

काश पटेल ट्रंप के एक वफादार समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने उनके पहले कार्यकाल में भी अहम भूमिका निभाई थी। आईएएनएस के अनुसार पटेल ने अमेरिकी सरकार के भीतर “डीप स्टेट” के रूप में वर्णित तंत्र को खत्म करने की सक्रिय रूप से वकालत की है।

गुजराती मूल का है परिवार

बता दें कि काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क में एक गुजराती अप्रवासी परिवार में हुआ था, जो कि पूर्वी अफ्रीका से 1980 में न्यूयॉर्क के क्वींस में आकर बस गए थे। उनका परिवार मूल रूप से वडोदरा का रहने वाला है।

हालांकि, माता-पिता माता-पिता यूगांडा में रहते थे। पटेल ने कानून की डिग्री हासिल की है और फ्लोरिडा में पब्लिक डिफेंडर के रूप में अपना करियर शुरू किया। यहां उन्होंने राज्य और संघीय अदालतों में लोगों का प्रतिनिधित्व किया।

बाद में वे पूर्वी अफ्रीका और संयुक्त राज्य अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के मामलों में विशेषज्ञता के साथ वकील के रूप में न्याय विभाग में शामिल हो गए। रक्षा विभाग में उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया, जिसने अंततः कांग्रेसी डेविन नून्स का ध्यान आकर्षित किया।

ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी मिली थी अहम भूमिका

नून्स ने पटेल को हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आतंकवाद निरोध पर वरिष्ठ वकील के रूप में शामिल किया। काश पटेल को डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान भी अहम जिम्मेदारी मिली और वह रूस की जांच के FBI के संचालन में हाउस रिपब्लिकन में शामिल थे।

उन्होंने एक विवादास्पद GOP ज्ञापन का मसौदा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें ट्रम्प के 2016 के राष्ट्रपति अभियान की FBI की जांच में पक्षपात का आरोप लगाया गया था।

यह दस्तावेज़, जिसे अमेरिकी मीडिया द्वारा “काश मेमो” के रूप में संदर्भित किया गया था, रूस की जांच के आसपास के पक्षपातपूर्ण संघर्ष में विवाद का एक महत्वपूर्ण बिंदु बन गया।

FBI में बड़े सुधार की वकालत

44 वर्षीय पटेल ने कार्यवाहक रक्षा सचिव के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में ट्रम्प की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को प्रभावित करना जारी रखा। इस दौरान, उन पर यूक्रेन के लिए एक अनधिकृत बैकचैनल के रूप में कार्य करने का भी आरोप लगाया गया था। उन्होंने खुले तौर पर FBI में सुधार की इच्छा व्यक्त की है।

पटेल के अमेरिका के खुफिया तंत्र के बारे में कट्टरपंथी विचार हैं, जिसके बारे में वो एक पुस्तक ‘गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी’ में विचार भी रख चुके हैं।

यहां तक की ट्रंप ने कहा था कि पटेल की पुस्तक उनके अगले कार्यकाल का खाका होगी। उन्होंने कहा कि ये हर भ्रष्टाचारी को उजागर करने वाला एक शानदार रोडमैप है, जो केवल अमेरिकी लोगों के लिए काम करने के लिए हमारी एजेंसियों और विभागों को वापस काम पर लाएगा।

क्या है FBI

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) संयुक्त राज्य अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की एक एजेंसी है जो एक संघीय आपराधिक जाँच निकाय और एक आंतरिक खुफिया एजेंसी दोनों के रूप में कार्य करती है।

FBI के पास संघीय अपराध की 200 से अधिक श्रेणियों के उल्लंघन की जाँच का अधिकार है। इसका नारा (मोटो) FBI का बैक्रोनिम, “ईमानदारी, बहादुरी, अखंडता” है। इसका मुख्यालय जे. एडगर हूवर बिल्डिंग वॉशिंगटन, डी.सी. में स्थित है।

संपूर्ण संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख शहरों में इसके छप्पन क्षेत्रीय कार्यालय स्थित हैं, साथ ही देश भर के सभी छोटे शहरों और नगरों में इसकी 400 से अधिक स्थानिक एजेंसियां मौजूद हैं। “लीगल अटैचीज” कहे जाने वाले 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कार्यालय दुनिया भर के अमेरिकी दूतावासों में मौजूद हैं।

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