संभल। उप्र के संभल में हुई हिंसा के पीछे पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आ रहा है। 24 नवंबर को पुलिस पर हुई फायरिंग में पाकिस्तानी कारतूस का भी इस्तेमाल किया गया था।
फोरेंसिक टीम के साथ मंगलवार को जांच कर रही पुलिस को घटनास्थल से छह कारतूसों के खोखे मिले हैं। इनमें एक पर POF (पाकिस्तान आर्डिनेंस फैक्ट्री) लिखा है। यह नाइन MM का है।
दूसरे .32 बोर के कारतूस पर पर Made in USA लिखा होने से उसे अमेरिका का माना जा रहा है। यह मिस फायर (चलाने के बाद भी फायर न होना) है। FN STAR लिखे तीसरे कारतूस की फोरेंसिक टीम जांच कर रही है। इसके अलााव तीन कारतूस (दो 12 और एक .32 बोर) देसी मिले हैं।
पुलिस विदेशी फंडिंग के एंगल से भी जांच में जुट गई है। हिंसा के पीछे पहले से ही सुनियोजित साजिश प्रतीत हो रही थी। अब विदेशी हाथ होने की आशंका से खुफिया तंत्र और अलर्ट हो गया है। केंद्रीय एजेंसियों के भी जांच में जुटने की संभावना है।
पुलिस फोरेंसिक टीम ने की जांच
मंगलवार को पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ मस्जिद के आसपास नालियों और झाड़ियों में जांच कर रही थी। नाली की गंदगी को छानने पर उसमें छह कारतूस के खोखे मिले। तीन नाइन MM कारतूसों के विदेशी होने के अलावा अन्य तीनों देश के ही हैं।
एसपी ने मौके पर पहुंचकर किया मुआयना
पाकिस्तानी और अमेरिका के कारतूस मिलने की सूचना पर आनन-फानन में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई भी मौके पर पहुंच गए। इसी स्थान पर पहले 52 खोखे मिल चुके हैं।
पुलिस अब इस क्षेत्र में 24 नवंबर को हिंसा वाले दिन सक्रिय मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। इससे पता किया जाएगा, कि कौन लोग यहां एक-दो दिन पहले आए थे। आशंका है, उन्हें हिंसा के लिए ही बुलाया गया हो।
एक पाकिस्तान और एक अमेरिका का कारतूस का खोखा
एसपी ने बताया कि नालियों की सफाई के दौरान जामा मस्जिद के पास से कारतूसों के छह खोखे मिले हैं। जिनमें से एक पाकिस्तान और एक अमेरिका का है।
तीसरे की जांच कराई जा रही है। बाकी के तीन खोखा अपने देश की ही ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने कारतूसों के हैं। 24 नवंबर को हुई हिंसा में विदेशी साजिश होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
वीडियोग्रॉफी के दौरान भड़की थी हिंसा
सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कोर्ट में 19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का वाद पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर उसी दिन एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने मस्जिद की वीडियोग्रॉफी कराई।
इसके बाद 24 नवंबर को वीडियोग्रॉफी कराने के दौरान हिंसा में चार लोगों की मृत्यु हो गई। जबकि, उपद्रवियों की फायरिंग और पथराव में 30 से अधिक अधिकारी व पुलिसकर्मी घायल हो गए।
मामले में पुलिस की ओर से सात और चारों की मृतकों के स्वजन की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसकी जांच के लिए न्यायिक आयोग का भी गठन किया गया है।
संभल का आतंकी कनेक्शन, कई संगठनों से जुड़े तार
संभल के लिए आतंकी कनेक्शन कोई नई बात नहीं है। संभल हिंसा के बाद जांच में जैसे-जैसे साक्ष्य मिल रहे हैं, बात और पुख्ता होती जा रही है। पुलिस इस एंगल से भी जांच की बात कह रही है।
साल 2016 में संभल उस वक्त चर्चा में आया था जब दिल्ली पुलिस की टीम ने अदालत में आतंकी घटना के 17 आरोपितों के नाम दिए थे उनमें से छह जिले के रहने वाले थे।
आसिफ को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की खुफिया जानकारी के आधार पर ही 16 दिसंबर 2015 को मो. आसिफ को दिल्ली के सीलमपुर से गिरफ्तार किया था। आसिफ का मददगार होने के आरोप में शहर के जफर मसूद को भी गिरफ्तार किया था।
दोनों सात-सात साल की सजा काट चुके हैं। पिछले वर्ष ही रिहा हुए हैं। यह दोनों अलकायदा की सहायक शाखा अलकायदा इन इंडियन सबकान्टीनेंट (AQIS) के लिए काम करते थे। साजिश रचने के साथ ही आतंकी बनाने के लिए युवाओं को भर्ती करने का काम था।
कोर्ट से मिली सजा
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 फरवरी, 2023 को सात वर्ष से ज्यादा की सजा सुनाई थी। पिछले वर्ष नवंबर 2023 में ISIS कनेक्शन में संभल के दो युवा गिरफ्तार किए गए थे।
इन युवाओं पर अन्य युवाओं को आतंक की राह पर लाने का आरोप लगा था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है। दोनों जेल में बंद हैं। दिल्ली के कई थानों में भी संभल के लापता युवाओं के फोटो चस्पा हैं। दो महीने पहले भी एनआईए ने संभल में एक संदिग्ध की तलाश में छापा मारा था।