आठ विधायकों ने छोड़ा ‘झाड़ू’ का साथ, AAP ने कहा- इसके पीछे भाजपा-कांग्रेस का हाथ

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को केवल चार दिन शेष बचे हैं। इस बीच आम आदमी पार्टी के आठ विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर सियासी घमासान मचा दिया। वहीं एक अन्य विधायक के इस्तीफे को लेकर भी चर्चा चल रही है।

सभी ने पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। जबकि आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि इन विधायकों पर भाजपा और कांग्रेस ने दबाव बनाया है। इन सभी विधायकों को चुनाव में टिकट नहीं मिली। ऐसे ही अन्य दो विधायकों ने पार्टी के साथ खड़े रहने का दावा किया।

इस्तीफे में किसने क्या लिखा…

महरौली विधायक नरेश यादव ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा, आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए, अन्ना आंदोलन से भारतीय राजनीति से भ्रष्टाचार को मुक्त करने के लिए हुआ था लेकिन अब मैं बहुत दुखी हूं कि भ्रष्टाचार आम आदमी पार्टी बिल्कुल भी कम नहीं कर पाई बल्कि आम आदमी पार्टी ही भ्रष्टाचार के दलदल में लिप्त हो चुकी है।

मैंने 10 साल ईमानदारी से काम किया

मैंने आम आदमी पार्टी ईमानदारी की राजनीति के लिए ही ज्वाइन की थी। आज कहीं भी ईमानदारी नजर नहीं आ रही है। मैंने महरौली विधानसभा में पिछले 10 सालों से लगातार 100 फीसदी ईमानदारी से काम किया है। महरौली के लोग जानते हैं कि मैंने ईमानदारी की राजनीति, अच्छे व्यवहार की राजनीति और काम की राजनीति की है।

मैंने महरौली के बहुत से लोगों से चर्चा की, सभी ने यही कहा कि आम आदमी पार्टी अॅब पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हो चुकी है। आपको इस पार्टी को छोड़ देना चाहिए क्योंकि इन्होंने लोगों के साथ धोखा किया है। कहते थे, कि हम ईमानदारी की राजनीति करेंगे लेकिन आज पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है।

पार्टी में शामिल हो चुके भ्रष्टाचारी

दिल्ली की जनता जानती है कि आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है क्योंकि इन्होंने भ्रष्टाचारियों को ही पार्टी में शामिल कर लिया है। आम आदमी पार्टी में कुछ ही लोग ईमानदारी की राजनीति करने वाले बचे हैं।

केवल उनसे मेरा प्यार व दोस्ती हमेशा रहेगी और अपनी महरौली की जनता का भी मैं दिल से आभार और धन्यवाद प्रकट करता हूं कि इन्होंने मुझे 10 सालों में बहुत प्यार और आशीर्वाद दिया है।

महरौली विधान सभा और दिल्ली की प्यारी जनता से विनम्र निवेदन है कि आगे की ईमानदारी से समाज सेवा वाली राजनीति के लिए अपना आशीर्वाद और प्यार हमेशा मुझपर बनाये रखें। मैं आप सभी से वादा करता हूं कि हमेशा ईमानदारी की, अच्छे व्यवहार की और काम की राजनीति करता रहूंगा।

जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि का इस्तीफा पत्र

प्रिय केजरीवाल जी,

मैं आपको सूचित करने के लिए लिख रहा हूं कि मैं आम आदमी पार्टी (आप) की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों और जिम्मेदारियों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं।

भ्रष्टाचार-मुक्त शासन से दूरी

  1. ‘आप’ भ्रष्टाचार-मुक्त शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित थी। पार्टी से, मैंने इन मूल मूल्यों में एक महत्वपूर्ण दूरी देखी है। पार्टी के कार्यों और निर्णयों ने राजनीतिक सुविधा को लोगों के कल्याण पर प्राथमिकता दी है।
  2. अन्ना हजारे के सिद्धांतों के साथ विश्वासघात

इंडिया-अगेस्ट-कॉरप्शन मूवमेंट से उत्पन्न आम आदमी पार्टी, जो अन्ना हजारे के सिद्धांतों, ईमानदारी, भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनी थी। हालांकि, मुझे यह देखकर दुख होता है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों को त्याग कर भ्रष्टाचार में डूब गई है।

  1. संतोष कोली के बलिदान को भुला दिया गया

पार्टी का संतोष कोली के बलिदान के साथ व्यवहार करना नैतिक दिवालियापन दिखता है है। आपका संतोष कोली के लिए आंसू बहाना और संतोष के हत्यारे के खिलाफ प्रोटेस्ट करना एक नाटक था आपने संतोष के हत्यारे की सीमापुरी में टिकट दे कर पुरस्कृत किया है। यह पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति विश्वासघात है।

  1. भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद

पार्टी भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का एक कटोरा बन गई है। जो लोग अखंडता के संरक्षक होने वाले थे, वे इसके सबसे बड़े उल्लंघनकर्ता बन गए हैं। मैं अब एक ऐसे संगठन का हिस्सा नहीं बन सकता जिसने अपने नैतिक दिशा को खो दिया है।

  1. लोगों के विश्वास का विश्वासपात

मैं यह स्वीकार करने के लिए गहरा दुख महसूस करता है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने उन लोगों के साथ विश्वासघात क्रिया है। जिन्होंने अरविंद केजरीवाल पर एक राजनीतिक दल बनाने के लिए विधान किया था। मैं उनमें से एक था, और मेरे पार्टी की नीव और निर्माण करने और स्माठन बनाने के लिए संघर्ष किया था। हालांकि, वह देकर मझे दर्द होता है कि पाटी अपने मूल सिद्धांतों से हट गई है।

  1. आम आदमी पार्टी एक अनियंत्रित गिरोह

आम आदमी पार्टी एक अनियंत्रित गिरोह के लिए एक स्वर्ग बन गई है। पार्टी का प्रचार भाई-भाई और तानाशाही के साथ पर्यायवाची हो गई है। पार्टी की स्थापना शिपाई था, उहिया गया है समथाओं से अलग नहीं हो पाई है जिन्हें होती देना चाहती थी।

आपकी समझ के लिए धन्यवाद।

इन्होनें भी दिया इस्तीफा

इसके अलावा त्रिलोकपुरी विधायक रोहित कुमार मेहरौलिया, कस्तूरबा नगर विधायक मदन लाल , बिजवासन विधायक भुपेंद्र सिंह जून ,पालम विधायक भावना गौड़ ,आदर्श नगर विधायक पवन कुमार शर्मा व मादीपुर विधायक गिरीश सोनी ने भी अपने-अपने त्यागपत्रों में कमोबेश इसी तरह की बात लिखी है।  

विधायक ने की आलोचना

आठ विधायक के इस्तीफे पर दिलीप पांडे और ऋतुराज झा ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें भी इस बार टिकट नहीं दिया, लेकिन वह पार्टी नहीं छोड़ रहे। वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं। झा ने कहा कि केजरीवाल ने उन्हें सब कुछ दिया और उन्हें 10 साल तक किरारी का विधायक बनाए रखा। आने वाले दिनों में उन्हें और जिम्मेदारियां दी जाएंगी।

भाजपा-कांग्रेस बना रही दबाव

दोनों विधायकों ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर कहा कि भाजपा और कांग्रेस द्वारा पद का लालच देकर आम आदमी पार्टी छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। झा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा के लोग मुझे लगातार संपर्क कर रहे थे और कई तरह के प्रलोभन दे रहे थे कि आपको ये बना देंगे। दिलीप पांडे ने कहा कि मैं आम आदमी पार्टी में था, हूं और आगे भी रहूंगा।

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