
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के परमाणु मिसाइल कार्यक्रम पर अमेरिका ने बडी़ कार्रवाई की है। अमेरिका उद्योग के एवं सुरक्षा ब्यूरो (BIS) ने असुरक्षित परमाणु गतिविधियों में संलिप्तता के कारण एक दर्जन से अधिक पाकिस्तानी कंपनियों को अपनी निगरानी सूची में शामिल किया है।
इस लिस्ट में शामिल फर्मों को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों के लिए महत्वपूर्ण खतरा माना जाता है। इसके साथ ही 7 दूसरी कंपनियों को पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में योगदान के कारण प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है।
इन पाकिस्तानी कंपनियों पर ऐक्शन
अमेरिका ने यह कदम निर्यात प्रशासन विनियमों (EAR) में हाल ही में किए गए बदलावों के बाद उठाया गया है। संघीय रजिस्टर की वेबसाइट पर बताया गया है कि इसका असर चीन, पाकिस्तान, ईरान, दक्षिण अफ्रीका और यूएई की 70 कंपनियों पर पड़ेगा।
परमाणु संबंधी गतिविधियों के लिए लिस्ट में जोड़ी गई पाकिस्तानी कंपनियों में ब्रिटलाइट इंजीनियरिंग, इंटेनटेक इंटरेशनल, इंट्रालिंक इनकॉर्पोरेटेड, प्रोक मास्टर, रहमान इंजीनियरिंग एंड सर्विसेज और अन्य शामिल हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
वॉशिंगटन ने कहा है कि ये कंपनियां अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेश नीति हितों के विपरीत काम कर रही हैं। नए प्रतिबंध अमेरिकी प्रोद्योगिकी तक पहुंच को सीमित कर देंगे, जिससे इन कंपनियों से जुड़े निर्यात, पुनः निर्यात और देश में स्थानांतरण के लिए अतिरिक्त लाइसेंस की जरूरत होगी।
इसके साथ ही पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में भूमिका के लिए सात फर्मों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें बिजनेस कंसर्न, ग्लोबल ट्रेडर्स और लिंकर्स ऑटोमेशन प्रमुख हैं। ये कंपनियां मुख्य रूप से इस्लामाबाद, कराची, लाहौर, फैसलाबाद और वाह कैंटोनमेंट में स्थित हैं।
पाकिस्तान ने की आलोचना
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना की है और इसे अनुचित व राजनीति से प्रेरित बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने इन कार्रवाइयों को वैश्विक निर्यात नियंत्रण उद्देश्यों के प्रतिकूल कहा है।
खान ने ऐक्शन को पाकिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी तक पहुंच में बाधा पहुंचाने वाला बताया। साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद पाकिस्तान के साथ वॉशिंगटन के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।