
नई दिल्ली। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने हर मोर्चे पर पाकिस्तान और आतंकवाद पर शिकंजा कसा है। इसी कड़ी में अब भारत सरकार 7 डेलिगेशन को दुनिया के अलग-अलग देशों में भेजकर अपने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और पाकिस्तान प्रायोजित आकंतवाद को लेकर जानकारी देगी।
डेलिगेशन में कितने नेता हैं शामिल?
इस डेलिगेशन में सभी पार्टियों के 51 नेता और 85 राजदूत 32 अलग-अलग देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के मामले में पाकिस्तान को बेनकाब करेंगे। पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के बारे में दुनिया को सच बताने के लिए बनाए गए डेलिगेशन में बीजेपी के अलावा तमाम विपक्षी पार्टियों के नेता भी शामिल हैं।

7 डेलिगेशन में से 2 डेलिगेशन को बुधवार को रवाना किया जाएगा। पहले डेलिगेशन का नेतृत्व जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा करेंगे, जो जापान को दौरा करेगा।
इस डेलिगेशन में बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी, टीएमसी सांसग अभिषेक बनर्जी, बीजेपी सांसद बृजलाल, सीपीआई सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास, बीजेपी सांसद प्रदान बरुआ, बीजेपी सांसद हेमांग जोशी, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद और राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
कौन-कौन से देश जाएगा पहला डेलिगेशन?
संजय झा के नेतृत्व वाला डेलिगेशन जापान, इंडोनेशिया, मलेशिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर का दौरा करेगा। गुरुवार को दूसरा डेलिगेशन रवाना होगा, जिसका नेतृत्व महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे करेंगे।
दूसरे डेलिगेशन की लिस्ट में बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज, IUML सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, बीजेपी सांसद अतुल गर्ग, बीजेपी सांसद सस्मिता पात्रा, बीजेपी सांसद मनन कुमार मिश्रा, बीजेपी सांसद एसएस अहलूवालिया और राजदूर सुजन चिनॉय शामिल हैं।
शशि थरूर करेंगे एक डेलिगेशन का नेतृत्व
यह डेलिगेशन UAE, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया जाएगा। गुरुवार को ही तीसरा डेलिगेशन भी रवाना होने वाला है, जिसका नेतृत्व डीएमके सांसद कनिमोझी करेंगी। यह डेलिगेशन सबसे पहले रूस के दौरे पर जाएगा। इसके बाद स्लोवेनिया, ग्रीस, लात्विया और स्पेन का भी दौरा शामिल है।
7 डेलिगेशन में से एक डेलिगेशन का नेतृत्व कांग्रेस सांसद शशि थरूर करने वाले हैं। कांग्रेस सांसद के नेतृ्त्व वाला डेलिगेशन अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील औ कोलंबिया का दौरा करने वाला है।
क्यों चुने गए ये देश?
- अफ्रीका में आतंक ठिकानों के खिलाफ वैश्विक दक्षिण को एकजुट करना है।
- खाड़ी देशों में टेरर फंडिंग और रणनीतिक कमजोरियों को उजागर करना है।
- यूरोप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बात रखने वाले दिग्गज देश हैं, इसलिए इसे चुना गया है।
- अमेरिका में खुफिया साझेदारी और रणनीति सामंजस्य बैठाने के लिए डेलिगेशन को भेजा जा रहा है।
- पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक में आतंकी खतरे से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिए डेलिगेशन को भेजा जा रहा है।