
कानपुर। उप्र के फतेहपुर के आबूनगर के रेड्डया मोहल्ले में स्थित एक पुराने धार्मिक स्थल का विवाद अब अदालत में जाएगा। भारतीय जनता पार्टी इस स्थल को ठाकुरद्वारा बताते हुए इसके स्वामित्व के लिए अदालत में याचिका दाखिल करने जा रही है। भाजपा के जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने इसकी जिम्मेदारी पार्टी के विधि प्रकोष्ठ को सौंपी है।
मुखलाल पाल ने कहा कि भाजपा हमेशा कानून का पालन करती आई है। पार्टी इस मामले को अदालत में ले जा रही है। ठाकुरद्वारा संबंधी ऐतिहासिक दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं। तीन दिन के अवकाश के चलते थोड़ी देरी हुई। सोमवार से प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इस सप्ताह अदालत में याचिका दाखिल की जाएगी।
गौरतलब है कि जन्माष्टमी के अवसर पर हिंदू संगठनों ने इस स्थल को ठाकुरद्वारा बताते हुए पूजा-अर्चना की घोषणा की थी। प्रशासन द्वारा क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करने से संगठनों ने स्थल पर जाने की योजना बदल दी। वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष ने समर्थकों के साथ धार्मिक स्थल की तस्वीर पर पूजा कर प्रतीकात्मक दावा जताया।
फिलहाल यह इमारत पुलिस के कब्जे में है। क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के बीच केवल स्थानीय निवासियों को आधार कार्ड दिखाकर प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। भाजपा का दावा है कि उनके पास इस स्थल के ठाकुरद्वारा होने के प्रमाण हैं।
16 अक्तूबर तक बढ़ी धारा 163
धार्मक स्थल विवाद को लेकर 17 अगस्त तक लागू की गई BNS की धारा 163 (पूर्व की धारा 144) की अवधि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 अक्तूबर तक बढ़ाई गई है। अपर जिलाधिकारी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि ईद, बरावफात, नवरात्र, दशहरा, विजयदशमी और परीक्षाओं को लेकर धारा 163 जिले में 16 अक्तूबर तक लागू रहेगी।
दावेदारी के चार प्रमुख आधार
– वर्ष 2012 से पहले प्राचीन इमारत ठाकुरद्वारा थी। इसमें हिंदू समुदाय के लिए पूजा-अर्चना करते थे।
– हिंदुओं की जमीन पर मुस्लिम धार्मिक स्थल कैसे बन सकता है? यह जमीन रामनरेश सिंह की है।
– इमारत में कमल के फूल व त्रिशूल के चित्र बने हैं, जो केवल हिंदू धार्मिक स्थलों में बनाए जाते हैं।
– मंदिर में घंटा बांधने के लिए जंजीर है, जो इस इमारत में है। मुस्लिम धार्मिक स्थलों में नहीं लगती।