
नई दिल्ली। अमेरिका के यूटा वैली विश्वविद्यालय में एक कॉलेज फेस्ट के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के बेहद करीबी चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई। किर्क की हत्या ने अमेरिकी में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है।
चार्ली किर्क को अमेरिकी कंजरवेटिव युवाओं का हीरो माना जाता है। चार्ली डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर दक्षिणपंथी रिपब्लिकन आंदोलन की युवा पीढ़ी के मुखर प्रवक्ता थे।
अमेरिकी राष्ट्रपति के बेहद करीबी रहे चार्ली किर्क
चार्ली किर्क राष्ट्रपति टंप के बेहद करीबी रहे हैं। उनकी हत्या के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने कहा कि मैं सभी अमेरिकियों से उन अमेरिकी मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध होने का आग्रह करता हूं जिनके लिए चार्ली किर्क जिए और मरे।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, नागरिकता, कानून का शासन और ईश्वर के प्रति देशभक्तिपूर्ण समर्पण और प्रेम के मूल्यों के लिए अपना जीवन जिया।
बताया जाता है कि साल 2020 में राष्ट्रपति चुनाव में अमेरिकी राष्ट्रपति के धोखाधड़ी के झूठे दावों का भी चार्ली किर्क ने समर्थन किया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिका के ट्रांसजेंडरों और प्रवासियों पर हमला भी बोला था।
कभी की थी ट्रर्निंग प्वाइंट यूएस की स्थापना
बता दें कि चार्ली जब 18 साल के थे, उस वक्त उन्होंने ट्रर्निंग प्वाइंट यूएस की स्थापना की थी। यह एक प्रकार का ऐसा समूह बन चुका था, जो एक दशक में कई बार अपनी आवाज को बुलंद की थी।
ट्रर्निंग प्वाइंट यूएस के अलावा किर्क ने टर्निंग प्वाइंट एक्शन भी शुरू किया था। इसको ट्रंप ने घर-घर जाकर मतदाता अभियान चलाकर वोट मांगने का जिम्मा सौंपा था।
जूनियर ट्रंप के निजी सहायक भी रहे किर्क
जानकारी के अनुसार, किर्क मूल रूप से शिकागो के उपनगरीय इलाके से जुड़े ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने किसी भी विश्व विद्यालय से स्नातक की उपाधि नहीं हासिल की है। बावजूद इसके वह किशोरावस्था से ही खुद सक्रियता के लिए समर्पित कर दिया था।
इसके कुछ समय बाद ही वह रिपब्लिक को जाने-माने चेहरा बन गए। इसके बाद साल 2016 तक वह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के छोटे बेट जूनियर ट्रंप के निजी सहायक के तौर पर भी काम कर रहे थे।
कैसे हुई किर्क की हत्या?
अमेरिकी विश्वविद्यालयों में भाषण देते समय उन्होंने छात्रों को अपने साथ डिबेट करने के लिए आमंत्रण किया। इस दौरान अक्सर ऐसी तीखी बातचीत होती है, जिसकी कई पंक्तियां अक्सर वायरल हो जाती है।
बता दें कि बुधवार को यूटा में हुए ऐसे ही एक कार्यक्रम के दौरान, हिंसा में उनकी गर्दन में गोली लग गई। इस हत्या की राजनीतिक गलियारों में दोनों पक्षों ने तीखी आलोचना की है।