
नई दिल्ली। बिहार चुनाव से पहले नागरिकता साबित करने के लिए दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। याचिका में जाली आधार कार्ड से नागरिकता साबित करने की आशंका जताई गई थी। कोर्ट ने कहा कि अन्य दस्तावेज भी जाली हो सकते हैं इसलिए सिर्फ आधार को अलग तरह से नहीं देखा जाना चाहिए।
बिहार चुनाव नजदीक आ रहे हैं, लेकिन राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर चल रही बहस थमने का नाम नहीं ले रही है। हाल ही में SIR पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को भी वैध दस्तावेजों की फेहरिस्त में शामिल किया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।
दरअसल, याचिका में दावा किया गया था कि लोग जाली आधार कार्ड बनवाकर नागरिकता साबित कर सकते हैं। इसपर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आधार कार्ड के अलावा अन्य दस्तावेज भी जाली बनाए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमलया बागची की पीठ ने याचिका पर सुनावई की। अदालत के अनुसार राशन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज भी जाली हो सकते हैं। ऐसे में सिर्फ आधार कार्ड को ही अलग नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए।
SC के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस जाली हो सकते हैं, राशन कार्ड भी जाली हो सकते हैं। अन्य दस्तावेजों को भी जाली बनाया जा सकता है। आधार का इस्तेमाल कानून द्वारा बताई गई सीमा तक ही किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
बता दें कि, बिहार चुनाव से पहले SIR प्रक्रिया के तहत चुनाव आयोग ने नागरिकता साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों की लिस्ट जारी की थी, जिनमें आधार कार्ड शामिल नहीं था। इसपर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में मान्यता देने का आदेश दिया था।
फैसले के खिलाफ दायर हुई थी याचिका
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर करते हुए कहा गया था कि जाली आधार कार्ड बनाकर लोग इस प्रावधान का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। आधार को नागरिकता के प्रमाण के रूप में नहीं माना जा सकता है। कोर्ट ने 8 सितंबर को चुनाव आयोग नोटिस जारी कर आधार को वैध पहचान पत्र मानने के लिए कहा था।