पाकिस्तान ने US को अरब सागर में बंदरगाह बनाने का दिया प्रस्ताव, रिपोर्ट में बड़ा दावा

वॉशिंगटन। पाकिस्तान, अमेरिका को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा। अब पाकिस्तान ने अमेरिका को एक और बड़ी पेशकश की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के करीबी सहयोगियों ने अमेरिका को अरब सागर में एक बंदरगाह बनाने और उसे संचालित करने की पेशकश की है। रणनीतिक लिहाज से अरब सागर बेहद अहम है, ऐसे में पाकिस्तान के इस संभावित कदम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

बलूचिस्तान के पासनी में बंदरगाह बनाने का प्रस्ताव

फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के सलाहकारों ने अमेरिकी अधिकारियों से अरब सागर में एक बंदरगाह के विकास और संचालन का प्रस्ताव रखा है।

इस योजना में अमेरिकी निवेशकों द्वारा बलूचिस्तान के पासनी शहर में पाकिस्तान के महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच मिलेगी। योजना के तहत पासनी में एक टर्मिनल का निर्माण और संचालन शामिल है। पासनी, बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर जिले में स्थित एक बंदरगाह शहर है, जिसकी सीमा अफगानिस्तान और ईरान से लगती है।

अमेरिकी फंडिंग से रेल गलियारा भी विकसित करने की भी मांग

यह प्रस्ताव सितंबर में व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बैठक के बाद सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रस्ताव कुछ अमेरिकी अधिकारियों को बता दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रस्ताव में बंदरगाह का इस्तेमाल अमेरिकी सैन्य उद्देश्यों के लिए करने की संभावना को खारिज किया गया है और इसका उद्देश्य सिर्फ दुर्लभ खनिजों तक पहुंच है। पाकिस्तान ने पश्चिमी पाकिस्तान के खनिज-समृद्ध प्रांतों को जोड़ने वाले रेल गलियारे के विकास के लिए वित्तपोषण देने की भी मांग की है।

भारत के लिए चिंता की बात

पाकिस्तान द्वारा अमेरिका को दी गई इस पेशकश को व्यापार बढ़ाने के तौर पर पेश किया जा रहा है। हालांकि इसका रणनीतिक महत्व भी है। भारत के प्रति पाकिस्तान की मंशा हमेशा से सवालों के घेरे में रही है। ऐसे में इस प्रस्ताव पर भी कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

दरअसल, पासनी में बंदरगाह बनाने को, अरब सागर में पाकिस्तान द्वारा अपना दबदबा बनाने के तौर पर देखा जा सकता है। अभी अरब सागर में पाकिस्तान के दो बड़े बंदरगाह संचालित हो रहे हैं, जिनमें कराची बंदरगाह और चीन के सहयोग से बना ग्वादर बंदरगाह शामिल हैं।

इनके अलावा भी कुछ छोटे बंदरगाह हैं। पासनी अब मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल होता है और अब पाकिस्तान सरकार इसे बड़े पैमाने पर विकसित कर अरब सागर में अपनी मौजूदगी को बढ़ाना चाहती है।

भारत बड़े पैमाने पर अरब देशों से कच्चा तेल खरीदता है और हमारा तेल रूट अरब सागर से ही होकर गुजरता है। ऐसे में पाकिस्तान का इस क्षेत्र में दबदबा बनाना कहीं न कहीं भारत के लिए चिंता की बात हो सकती है।

अरब सागर रणनीतिक रूप से बेहद अहम

अरब सागर भारत के दबदबे वाले हिंद महासागर के उत्तर में स्थित है। अरब सागर पाकिस्तान, ईरान, ओमान की खाड़ी और अदन की खाड़ी से घिरा है। अरब सागर से ही होकर अरब प्रायद्वीप का रास्ता गुजरता है। अरब सागर प्राचीन काल से ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अहम रूट रहा है।

साथ ही यह तेल और प्राकृतिक गैस के मामले में संपन्न है। इस क्षेत्र के ऊर्जा के लिहाज से बेहद अहम होने के चलते कई देशों के अरब सागर में बड़े बंदरगाह और नौसैन्य अड्डे हैं।

अरब सागर एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के लिए ट्रांजिट हब भी है। ऐसे में पाकिस्तान के अमेरिका को पासनी बंदरगाह को विकसित करने की पेशकश वैश्विक राजनीति का एक अहम घटनाक्रम है।

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