
पटना। बिहार विधानसभा के पहले चरण के नामांकन के छठे दिन राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपने परिवार की पारंपरिक सीट राघोपुर से नामांकन दाखिल कर दिया।
इसके साथ सीट को लेकर चर्चा तेज हो गई है। NDA में सीट बंटवारे के बाद ये सीट भाजपा के खाते में गई है। ऐसे में इस सीट पर मुख्य मुकाबला राजद और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है।
बीजेपी ने तेजस्वी यादव के खिलाफ जिस उम्मीदवार को टिकट दिया है वो पूर्व में लालू परिवार को एक बार मात दे चुका है। बीजेपी ने राघोपुर से तेजस्वी यादव के खिलाफ सतीश कुमार यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
राबड़ी देवी को करीब 13 हजार वोटों से हराया
जदयू प्रत्याशी के तौर पर सतीश कुमार यादव ने 2010 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को करीब 13 हजार वोटों से हराया था।
जिसके बाद इस सीट से 2015 से तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में उतरने लगे। वहीं दूसरी तरफ 2015 में राजद और जेडीयू के साथ आने के बाद जेडीयू के प्रत्याशी रहे सतीश कुमार यादव भाजपा में चले गए थे।
बता दें कि वैशाली जिले की राघोपुर सीट लालू यादव परिवार की पारंपरिक सीट रही है। 1995 से अब तक (1998 और 2010 को छोड़कर) करीब-करीब लालू परिवार का कब्जा रहा है। लालू प्रसाद यादव 1995 में पहली बार जनता दल के टिकट पर यहां से विधानसभा पहुंचे थे।
2015 और 2020 में तेजस्वी को जीत
1998 में राघोपुर से राजगीर यादव चुनाव जीतने में सफल हुए थे। इसके बाद 2000 में लालू यादव फिर से इस सीट से चुनाव जीते। उसके बाद 2005 में दो बार हुए विधानसभा चुनाव में राबड़ी देवी को यहां से जीत मिली थी। वहीं 2015 और 2020 में इस सीट से तेजस्वी यादव को जीत मिली थी।
ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि सतीश कुमार यादव 2025 के चुनाव में क्या कर पाते हैं? इस बार NDA के एकजुट होने से माना जा रहा है कि राघोपुर की लड़ाई तेजस्वी यादव के लिए एकतरफा नहीं होने वाली है।