अहमदाबाद। गुजरात की ओर बढ़ रहे महातूफान बिपरजॉय को लेकर राज्य के आठ जिलों में रेड अलर्ट है। बिपरजॉय तूफान के आज शाम 4 बजे से आठ बजे के बीच टकराने का अनुमान है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण से जुड़ी द्वारका पर सभी की नजर टिकी हुई है।
लोगों को यकीन है कि इस बार भी द्वारकाधीश चमत्कार करेंगे और द्वारका पर खरोंच भी नहीं आने देंगे। लोगों की इस आस्था के पीछे अब तक कई बड़ी आपदाओं के अंतिम वक्त में टलना मुख्य कारण है। बिपरजॉय चक्रवात अभी 200 किलोमीटर की दूरी पर है और गुजरात की ओर बढ़ रहा है।
फिर होगा चमत्कार?
द्वारका पर जब भी कोई विपदा आई तो द्वारकाधीश ने नगरी की रक्षा की है। द्वारकाधीश के जगत मंदिर में आज भी ध्वजा नहीं बदली जाएगी। गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी जो कई दिनों द्वारका में हैं। उन्होंने भी मंदिर पहुंचकर द्वारकाधीश से प्रार्थना की है कि इस बड़े संकट को टालें।
मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों का कहना है कि द्वारकाधीश कोई चमत्कार करेंगे। उनके अनुसार 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में दुश्मन ने द्वारकाधीश मंदिर पर बमबारी की थी। कहते हैं कि उस वक्त जहां से बमबारी की गई जा रही थी, वहां पर समुद्र एक इंच ऊपर उठा गया था और सभी बम द्वारका के ऊपर से निकल गए थे।
1998 में भी नहीं आई थी आंच
गुजरात के इतिहास में अभी तक सबसे भयावह चक्रवात 1998 में आया था। तब 1100 सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी। उस समय पर भी द्वारका को कोई नुकसान नहीं हुआ था। तब भी मौसम विभाग ने पूरे गुजरात में चक्रवात की भविष्यवाणी की थी। 9 जून 1998 को आया तूफान द्वारका से दूर होकर गुजर गया था और कांडला पोर्ट से टकराया था।
लोगों की आस्था का बड़ा कारण 2001 में आया विनाशकारी भूकंप भी है। तब भी द्वारका नगरी सुरक्षित रही थी, जबकि कच्छ के भचाऊ तहसील में काफी नुकसान हुआ था।
मंदिर पर गिरी थी बिजली
चक्रवात और भूकंप ही नहीं एक बार द्वारकाधीश के जगत मंदिर के ऊपर आकाशीय बिजली गिरी थी। 13 जुलाई, 2021 की दोपहर में हुई इस घटना में भी चमत्कार ही हुआ था। मंदिर का ध्वज दंड टूट गया था। तब ऐसा माना गया था कि द्वारकाधीश ने बिजली के प्रकोप के अपने ऊपर ले लिया था और द्वारका नगरी पर आंच नहीं आने दी थी, हालांकि द्वारका नगरी में भारी बारिश से जलभराव हुआ था।
बिपरजॉय चक्रवात को लेकर भी लोगों को उम्मीद है कि अंतिम वक्त पर कोई चमत्कार होगा और द्वारका नगरी सुरक्षित रहेगी। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार यह पूर्व की दिशा में कच्छ की ओर बढ़ रहा है। अगर ऐसा हुआ तो फिर द्वारका नगरी बचेगी और चमत्कार होगा।