हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी के गौलापार स्थित बागजाला में मंगलवार को बड़ी कार्रवाई होनी थी। पहले चरण में वनभूमि पर बने आठ निर्माणाधीन भवनों को बुलडोजर से ध्वस्त किया जाना था। हंगामे की आशंका देखते हुए वन विभाग ने पुलिस और प्रशासन को पत्र भेजकर मदद भी मांगी थी, मगर कार्रवाई नहीं हो सकी।
पुलिस ने पत्र के जवाब में कहा कि अधिकांश पुलिस बल बनभूलपुरा में तैनात है। वर्तमान में विधानसभा सत्र भी चल रहा है। इसलिए कार्रवाई के लिए आगे की तारीख तय कर ली जाए। गौलापार का बगाजाला क्षेत्र गौला रेंज का हिस्सा है। 1978 में 64 लोगों को वनभूमि पर लीज पट्टा दिया गया था। 2008 में इसकी अवधि खत्म होने के बाद नवीनीकरण नहीं किया गया।
इसके बाद कई लोग सरकारी भूमि खुर्द-बुर्द करने में जुट गए। पिछले साल वन विभाग ने दस लोगों के विरुद्ध काठगोदाम थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी। इस बीच कई बार टीम यहां छुटमुट कार्रवाई के लिए पहुंचती रही। वहीं, सूचना मिलने पर 13 फरवरी को यहां आठ निर्माणाधीन मकानों पर कार्रवाई होनी थी, लेकिन बनभूलपुरा में हुए बवाल के कारण तारीख आगे बढ़ा दी गई।
आज 27 फरवरी को यहां बुलडोजर गरजना था। इसके लिए पुलिस से भी मदद मांगी गई थी, मगर पुलिस फोर्स अभी बनभूलपुरा में शांति और कानून व्यवस्था को बरकरार करने में जुटा है। ऐसे में पुलिस ने वन विभाग से कहा है कि अतिक्रमण पर कार्रवाई को दूसरी तारीख तय कर ली जाए। इस स्थिति में मंगलवार को बागजाला में होने वाली कार्रवाई फिलहाल स्थगित कर दी गई है।
कल सोमवार को कब्जे पर लगाए लाल निशान
गौला रेंज की टीम ने कल सोमवार को बागजाला क्षेत्र पहुंचकर पूर्व में चिह्नित मकानों पर लाल रंग से निशान भी लगाए थे। बाकायदा मुनादी कराकर सूचना दी थी कि सुबह नौ बजे से पहले खुद हटा लें। वरना बुलडोजर से कार्रवाई होगी। फरवरी पहले सप्ताह में भी मुनादी हुई थी। तब कहा गया था कि इस क्षेत्र में किसी तरह का नया निर्माण नहीं होना चाहिए।
एसडीएम को बनाया गया था मजिस्ट्रेट
वन विभाग के अनुरोध पर जिला प्रशासन सहयोग के लिए राजी हो गया था। सोमवार को ही एसडीएम हल्द्वानी पारितोष वर्मा को अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान मजिस्ट्रेट के तौर पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि, पुलिस की व्यस्तता के कारण अब मामला टल चुका है।