नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज की। अब उन्हें सरेंडर करना पड़ेगा। फिलहाल वह स्वास्थ्य कारणों के चलते वह अंतरिम जमानत पर बाहर थे।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से जैन को जमानत देने का आग्रह किया था और कहा था कि गवाहों के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं है। वहीं ईडी ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जब भी वह जेल से बाहर आना चाहते हैं, तो वह चिकित्सा आधार पर जमानत लेते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है, बल्कि उन्हें तुरंत सरेंडर करने को भी कहा है। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन को मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल मई में उन्हें खराब सेहत के आधार पर अंतरिम जमानत मिल गई थी। इसके बाद कई मौकों पर उनकी अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया गया था। सत्येंद्र जैन ने नियमित जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट ने ना सिर्फ उनकी इस मांग को खारिज कर दिया बल्कि तुरंत सरेंडर करने को कहा।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और पंकज मित्तल ने कहा, ‘अपीलों को खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता को तुरंत सरेंडर करने का निर्देश दिया जाता है।’ पूर्व मंत्री की ओर पेश हुए वकील विवेक जैन ने सत्येंद्र जैन के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर सरेंडर के लिए एक सप्ताह की मांग लेकिन कोर्ट ने इस अपील को भी खारिज कर दिया और अपने आदेश को बरकरार रखा।