कीव। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच भीषण युद्ध का दौर पिछले 2 साल से ज्यादा समय से चल रहा है और इसमें परमाणु युद्ध की भी धमकी दी जाने लगी है। इस रूस की सेना लगातार मिसाइल से लेकर जमीनी हमले तेज कर रही है, वहीं यूक्रेन को हथियारों की कमी से जूझना पड़ रहा है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश अब इजरायल और हमास के युद्ध में ज्यादा व्यस्त हैं जिससे यूक्रेन को हथियारों की कमी हो रही है।
इससे यूक्रेन के हमलों की धार कमजोर हो रही है और रूसी सेना बढ़त बना रही है। इस महासंकट के बीच यूक्रेन के विदेश मंत्री दमयत्रो कुलेबा ने होली को लेकर दिए संदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र कर भारत से गुहार लगाई है। यही नहीं फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार यूक्रेन के विदेश मंत्री इस सप्ताह भारत आ रहे हैं।
कुलेबा की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की थी। कुलेबा ने रविवार को एक्स पर पोस्ट किए गए अपने एक वीडियो में कहा कि आज होली मना रहा है जो सबसे खूबसूरत और रंगों से भरा पर्व है। मैं सभी को होली की बधाई देता हूं। मैं यहां कीव में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने खड़ा हूं और ऐलान करता हूं कि इस सप्ताह पहली बार भारत की यात्रा पर जा रहा हूं।
भारत से क्या चाहता है यूक्रेन ?
यूक्रेनी विदेश मंत्री ने अपने वीडियो संदेश में पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच बातचीत का भी जिक्र किया और दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता के विचारों को यूक्रेन के वर्तमान संघर्ष से जोड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन और भारत दो बड़े लोकतंत्र हैं और मुझे पूरा भरोसा है कि हम अच्छे भागीदार और दोस्त बन सकते हैं। उन्होंने गांधी जी के विचारों को रूस के खिलाफ चल रहे संघर्ष में प्रेरणा का स्रोत बताया और भारत से मदद मांगी।
कुलेबा ने कहा कि आज यूक्रेन का समर्थन करना एक तरह से महात्मा गांधी की परंपरा को समर्थन देना है। इससे पहले पीएम मोदी ने जेलेंस्की के साथ फोन पर बात की थी। पीएम मोदी ने यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्वक बातचीत के जरिए समाधान का खुलकर समर्थन किया था। यही नहीं पीएम मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत में भी युद्ध की बजाय वार्ता और कूटनीति को समर्थन दिया था।
बताया जा रहा है कि यूक्रेन के विदेश मंत्री भारतीय विदेश जयशंकर के साथ व्यापाक वार्ता के लिए भारत आ रहे हैं। कुलेबा चाहते हैं कि भारत स्विटजरलैंड में होने जा रहे शांति शिखर सम्मेलन का समर्थन करे। हालांकि भारत ने अभी इस पर अपनी सहमति नहीं जताई है। रूस इस शिखर सम्मेलन का विरोध कर रहा है। ऐसे में अब भारत के रुख पर दुनिया की नजर रहेगी।