मुंबई। महाराष्ट्र में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे। मतदान खत्म होने के बाद सभी 11 सीटों के नतीजे भी आ गए हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर बताया है कि एनडीए ने नौ सीटें जीत ली हैं।
वहीं कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के एक-एक उम्मीदवार की भी जीत हुई है। शरद पवार समर्थक उम्मीदवार जयंत पाटिल को इस चुनाव में हार मिली है। पाटिल ने कहा कि कांग्रेस के कुछ वोट बंट गए।
यह चुनाव काफी अहम था क्योंकि तीन महीने के अंदर राज्य में विधानसभा के चुनाव होने हैं। जून 2022 में हुए एमएलसी चुनाव के बाद ही राज्य में चल रही तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसकी शुरुआत चुनाव में क्रॉस वोटिंग के जरिए हुई थी। इन चुनावों की अहमियत इसी से समझी जा सकती है।
चुनाव में खेल किसने खेला?
इस चुनाव में अजीत पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के पास कुल 42 वोट थे। उन्हें दोनों कैंडिडेट को जिताने के लिए चार वोट चाहिए थे। एनसीपी के दोनों कैंडिडेट को 47 वोट मिले। इस तरह अजीत पवार ग्रुप को पांच अतरिक्त वोट मिले।
ऐसे में यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के 5 वोट अजित गुट ने तोड़े। इसे कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावों में शिवसेना और बीजेपी के कैंडिडेट भी आसानी से जीत गए। इस चुनावों में क्रॉस वोटिंग रखने के लिए कांग्रेस ने विधायकों की बाडेबंदी नहीं की थी।
मुश्किल से जीते नार्वेकर
2022 के विधान परिषद चुनावों में जहां देवेंद्र फडणवीस ने खेला किया था तो इस चुनावों में कांग्रेस को अजित पवार ने चोट दी। अजित पवार अपने विधायकों को एकजुट रखने के बाद अतरिक्त वोट हासिल करने में कामयाब रहे। इस चुनाव में जीत के लिए 23 वोटों का कोटा निर्धारित किया गया था।
कांग्रेस के पास 37 वोट थे। प्रज्ञा राजीव सातव को 25 वोट मिले। उन्हें कोटे से दो वोट ज्यादा वोट मिले। ऐसे में कांग्रेस के 12 महाविकास आघाडी उम्मीदवारों को हस्तांतरित होने चाहिए थे, लेकिन कुछ और ही हो गया।
ठाकरे समूह के पास 17 वोट थे। ऐसे में ठाकरे गुट के मिलिंद नार्वेकर को कांग्रेस के 6 वोटों की जरूरत थी। अगर ये वोट मिल जाते तो नार्वेकर को जीत के लिए 23 वोट मिल जाते, लेकिन असल में नार्वेकर को 22 वोट मिले।
ऐसे में साफ है कि कांग्रेस के सात वोट बंट गए। इससे MVA के एक प्रत्याशी को एक वोट कम मिला तो वहीं एनसीपी (शरद) समर्थित जयंत पाटिल 12 वोटों पर अटक गए।