
साहिबाबाद। भारत को शत्रु और मित्रों की पहचान करनी पड़ेगी। गलती से भी शत्रु को मित्र न मान लें और मित्र को शत्रु न बना लें। अगर मित्र और शत्रु को पहचानने की ताकत होगी तो दुनिया की कोई ताकत भारत का बाल बांका नहीं कर पाएगा। भारतवासियों के बीच में ही फूट डालने की कोशिश हो रही है।
तमाम ऐसे तत्व जिनका ठिकाना कहीं और है। वे भारत में वह अलग-अलग स्थान पर अस्थिरता पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन सबको लेकर सचेत रहना होगा। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांग्लादेश के संबंध में गाजियाबाद के कौशांबी स्थित रेडिसन होटल में एक निजी कार्यक्रम के दौरान कहीं।
यूपी में कानून व्यवस्था एक बेहतरीन मॉडल बनकर उभरा
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था का एक बेहतरीन मॉडल बनकर उभरा है। राह चलती बेटी को कोई छेड़ नहीं सकता। क्योंकि उसे पता है कि अगर उसने छेड़ा तो उसका परिणाम क्या होगा? 66 हजार हेक्टेयर भूमि माफिया के कब्जे से खाली कराई है।
15- 20 साल से जो लोग सत्ता में बैठे हुए थे। उनके गुर्गों ने जमीन कब्जा रखी थी। माफिया के यूपी में अलग-अलग ब्रांड बने हुए थे। वे सब बुलडोजर से घबराते हैं। पूर्व की सरकारी भूमि को खाली करने के लिए तो कुछ उपकरणों की आवश्यकता पड़ेगी। माफिया बुलडोजर से डर रहे हैं।
यूपी सरकार जल्द ला रही एक फैमिली आईडी की योजना
उन्होंने कहा कॉमन मैन को डरने की आवश्यकता नहीं है। कॉमन मैन के लिए तो वह सड़क बनाने का काम कर रहे हैं। लोकतांत्रिक तरीके से हर चीज को स्वीकार करेंगे, लेकिन लोकतंत्र की आड़ में कोई व्यक्ति एवं अव्यवस्था अराजकता फैलता है तो उसके विषय में भी सोचना पड़ेगा।
उनकी सरकार जल्दी एक फैमिली आईडी की योजना ला रही है। इससे सरकार किसी भी योजना से परिवार के सदस्य के जुड़े होने का पता चलेगा। परिवार के किसी एक व्यक्ति को नौकरी या रोजगार के साथ जोड़ेंगे। हर व्यक्ति के हाथ में काम, बेटी की सुरक्षा और व्यापारी को सम्मान होगा।
योगी के लिए दुनिया एक असीमित संसार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योगी के लिए पूरी दुनिया एक असीमित संसार है। कार्य क्षेत्र की कोई सीमा नहीं है। जब उनकी पार्टी ने उन्हें दायित्व सौंपा था तो सामने सबसे बड़ी चुनौती थी उत्तर प्रदेश के प्रति धारणा को बदलना। यूपी को वह भारत का ग्रोथ इंजन बनाएंगे।
उन्होंने स्वीकार किया कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में खुद को साबित करेंगे। बिना रुके व बिना हटे कार्य करते रहे। आज उसका परिणाम देख रहे हैं। सात वर्ष पहले उप्र के लोग जब कहीं जाते थे तो उनको गलत दृष्टि से देखते थे, लेकिन आप उनको भी सम्मान मिलता है। गत वर्ष उप्र में 50 करोड़ लोग धार्मिक यात्री आए हैं।
				
					




