‘वकील अपने जूनियरों को उचित वेतन देना सीखें’, जानें CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कहा ऐसा?

नई दिल्ली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वकीलों को उनके चैंबर में सीखने आने वाले युवाओं को उचित वेतन और पारिश्रमिक देना सीखना चाहिए।

एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि कानून का पेशा एक मुश्किल पेशा होता है, जहां प्रारंभिक वर्षों में रखी गई नींव से युवा वकील अपने पूरे करियर में अच्छी स्थिति में रहते हैं।

पहली बार काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए

सीजेआई ने आगे कहा, ‘किसी भी पेशे में हमेशा उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। शुरुआत में कानून के पेशे में पहले महीने के अंत में आपको जो राशि मिलती है, वह बहुत अधिक नहीं भी हो सकती।’

उन्होंने कहा कि इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि पहली बार काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए कि वे लगन से काम करें, कड़ी मेहनत करें और जो वे करते हैं, उसके प्रति ईमानदार रहें।

तौर-तरीकों में भी बदलाव की जरूरत

उन्होंने कहा- ‘इसी तरह, हमारे तौर-तरीकों में भी बदलाव होना चाहिए। उदाहरण के लिए, वकीलों को यह सीखना होगा कि उनके चैंबर में आने वाले युवा वकीलों को उचित वेतन, पारिश्रमिक और भत्ते कैसे दिए जाएं। युवा उनके चैंबर में सीखने के लिए आते हैं।

उनके पास देने के लिए भी बहुत कुछ होता है। इसलिए यह आत्मसात करने, साझा करने और मार्गदर्शन की दोतरफा प्रक्रिया है, जो हमें युवा वकीलों को प्रदान करनी है।’

CJI ने सुनाया आकाशवाणी में काम करने का किस्सा

CJI ने दिल्ली में कालेज में पढ़ाई करने के दौरान आकाशवाणी में प्रस्तोता के रूप में अपने दिनों को भी याद किया। उन्होंने बताया कि जब वह तीसरी या चौथी कक्षा में थे तो शास्त्रीय संगीतकार उनकी मां उन्हें मुंबई में आकाशवाणी के स्टूडियो ले जाती थीं।

बाद में 1975 में दिल्ली आने के बाद उन्होंने आकाशवाणी के लिए आडिशन दिया और हिंदी व अंग्रेजी में कार्यक्रम प्रस्तुत करना शुरू कर दिया।

GST लागू करना सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण

यहां एक कार्यक्रम में CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करना सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके लिए संविधान में संशोधन किया गया।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दशकों में अदालतों ने राज्यों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघवाद पर एक मजबूत ढांचा विकसित किया है।

उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद शासन की एक प्रणाली है जहां केंद्र और राज्य विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने के आपसी मतभेदों को दूर करते हुए मिलकर काम करते हैं।

Back to top button