कौन हैं ट्रंप कैबिनेट में अहम पद पाने वाले भारतीय-अमेरिकी अरबपति विवेक रामास्वामी?

वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप अगले साल 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। मगर, इससे पहले वह अपनी टीम का गठन करने में जुटे हुए हैं।

कई बड़े पदों पर नियुक्तियों के बाद ट्रंप ने अब भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी को अपनी कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। उद्यमी रामास्वामी अब सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व करेंगे।

इस साल उतरे थे चुनावी दौड़ में

भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी ने सबसे पहले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उन्होंने भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी भी पेश की थी।

बाद में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दावेदारी और बढ़त को देखते हुए रामास्वामी ने उनका खुले तौर पर समर्थन किया। आखिरकार पांच नवंबर को आया नतीजा सबके सामने हैं। जनता ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति के तौर पर चुन लिया है।

इस तरह है भारत से नाता

रामास्वामी का जन्म 1985 में दक्षिण पश्चिम ओहियो के सिनसिनाटी में हुआ था। उनके पिता वी.जी. रामास्वामी  मूलतः केरल के पलक्कड़ से हैं।

केरल के एक स्थानीय कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उनके पिता वी.जी. रामास्वामी, ओहियो के इवेंडेल में जनरल इलेक्ट्रिक प्लांट में काम करने गए।

विवेक की मां सिनसिनाटी में एक मनोचिकित्सक थीं। उनकी पत्नी अपूर्वा तिवारी रामास्वामी ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी वेक्सनर मेडिकल सेंटर में डॉक्टर हैं।

शिक्षा पर एक नजर

सिनसिनाटी के सेंट जेवियर हाई स्कूल से रामास्वामी ने अपनी आरंभिक शिक्षा ली। उच्च शिक्षा के लिए वह हार्वर्ड और येल लॉ स्कूल गए। रामास्वामी ने हार्वर्ड में स्नातक की डिग्री येल में कानून की डिग्री हासिल की। उन्होंने कॉलेज में जीव विज्ञान का अध्ययन किया।

इस कारोबार के लिए जाना-माना चेहरा

विवेक रामास्वामी बायोटेक कारोबार में जाना-माना चेहरा हैं। रामास्वामी दवाओं को विकसित करने के लिए बायोटेक कंपनी रोइवेंट साइंसेज चलाते हैं।

उन्होंने 2016 की सबसे बड़ी जैव प्रौद्योगिकी फर्म मायोवैंट साइंसेज की स्थापना की थी। अप्रैल में कंपनी बनाने के बाद उन्होंने प्रोस्टेट कैंसर की दवा और महिला बांझपन की दवा के लिए टाकेडा फार्मास्युटिकल्स के साथ एक सौदा किया था।

 वह बायोफार्मा स्पेस में कई अन्य कंपनियों के संस्थापक भी हैं, जिनमें मायोवैंट साइंसेज, यूरोवेंट साइंसेज, एंजीवेंट थेराप्यूटिक्स, अल्टावेंट साइंसेज और स्पिरोवैंट साइंसेज शामिल हैं। 39 वर्षीय दूसरी पीढ़ी के भारतीय अमेरिकी का कम ही समय में बायोटेक क्षेत्र में नाम हो गया।

2015 में फोब्स पत्रिका के कवर पर उन्हें फीचर किया गया। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, 2014 में 30 से कम उम्र वाले सबसे अमीर उद्यमियों में विवेक 30वें स्थान पर थे। वहीं 2016 में 40 से कम उम्र वाले 24वें सबसे अमीर उद्यमी थे।

Back to top button