भारत के क्रूड बॉस्केट में महत्वपूर्ण बदलाव, रूस बना सबसे बड़ा सप्लायर; खाड़ी देशों पर निर्भरता हुई कम

नई दिल्ली। सामान्य तौर पर हम समझते हैं कि भारत कच्चे तेल (Crude Oil) की सबसे ज्यादा खरीददारी खाड़ी देशों से करता है लेकिन सच्चाई यह है कि इस समय भारत में कुल खपत का 35 फीसदी क्रूड ऑयल रूस से आ रहा है। इस समय रूस भारत का सबसे बड़ा क्रूड ऑयल सप्लायर बन गया है।

करीब दो साल पहले अपने उपयोग का आधा प्रतिशत भी कच्चा तेल रूस से नहीं आता था। अब वहां से हम 35 फीसदी खरीदारी कर रहे हैं। यह जानकारी खुद केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी है।

भारत के क्रूड बॉस्केट में हुआ महत्वपूर्ण बदलाव

हरदीप सिंह पुरी ने FIPI ऑयल एंड गैस अवार्ड्स समारोह के दौरान पत्रकारों से बातचीत में बताया कि भारत के क्रूड बॉस्केट में महत्वपूर्ण बदलाव हो रहा है।

उन्होंने बताया कि फरवरी 2022 में रूस से भारत महज 0.2% क्रूड ऑयल खरीदता था। यह अब बढ़कर 35% हो गया है। उन्होंने बताया कि रूस के अलावा भारत सऊदी अरब, यूएई, इराक, कुवैत और अमेरिका से भी तेल खरीदता है।

हर महीने बदलता रहता है

पुरी ने कहा, “पिछले कुछ समय से, रूस भारत को कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर रहा है। यह प्रतिशत 35% से ऊपर है, लेकिन यह हर महीने बदलता रहता है।”

उन्होंने बताया कि यह बढ़ोतरी वैश्विक कीमतों और उपलब्धता पर निर्भर करती है। भारत लंबी अवधि के अनुबंधों और स्पॉट मार्केट खरीद के बीच संतुलन बनाए रखता है।

उन्होंने आगे कहा, “फरवरी 2022 में यह केवल 0.2 प्रतिशत था, लेकिन फिर यह बढ़ गया। यह कैसे रहेगा और कहां जाएगा, मैं कहता रहता हूं कि ये फैसले मंत्रालय नहीं लेता है। हमारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां, कच्चे तेल के विशेष ग्रेड के लिए टेंडर निकालती रहती हैं।”

भारत में LPG की कीमत दुनिया में सबसे कम

भारत की ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति पर बात करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि इस समय भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश बन गया है एलपीजी सिलेंडर काफी सस्ता मिलता है। भारत में LPG सिलेंडर की कीमतें दुनिया भर में सबसे कम हैं।

उन्होंने बताया PM उज्ज्वला योजना के लाभार्थी परिवारों के लिए यह खर्च 6 रुपये प्रतिदिन जितनी कम है। वहीं सामान्य परिवारों के लिए यह 14 रुपये प्रतिदिन है।

इसके अलावा, भारत साल 2030 तक अपने अन्वेषण क्षेत्र को दस लाख वर्ग किलोमीटर तक बढ़ाने की राह पर है। 2025 तक इसमें 16 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।”

ग्रीन की दिशा में बड़ा कदम

पेट्रोलियम मंत्री ने पेट्रोल में इथेनॉल ब्लेंडिंग का जिक्र करते हुए बताया कि साल 2014 में यह महज 1.53 प्रतिशत था, जो 2024 में बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है।

अगले साल इसे 20 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि ब्राजील के बाद भारत को जैव ईंधन सम्मिश्रण में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करती है।”

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