वॉशिंगटन। दुनिया भर के बड़े-बड़े उद्योगपति, वैश्विक नेता आगामी 20 जनवरी को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इकट्ठा हो सकते हैं। दरअसल 20 जनवरी को अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में खास होगा।
अमेरिका ने अपने सहयोगी देशों के नेताओं को शपथ ग्रहण में न्योता दिया है। न्योता पाने वालों में भारत भी शामिल है। वहीं दुनियाभर के उद्योगपति भी शपथ ग्रहण में शामिल होने की बाट जोह रहे हैं। VIP पास के लिए कई हस्तियां तिकड़म भिड़ा रही हैं ताकि नई सरकार के करीब जाने का उन्हें मौका मिल सके।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर होंगे शामिल
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर करेंगे। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। अमेरिका दौरे पर विदेश मंत्री ट्रंप सरकार के अन्य प्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर सकते हैं।
हालांकि वह किन-किन नेताओं से मिलेंगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। भारत की कोशिश है कि अमेरिका के साथ बीते कई वर्षों में संबंधों में जो मजबूती आई है, उसकी गति को नई सरकार के साथ भी बरकरार रखा जाए।
कौन-कौन वैश्विक नेता हो सकते हैं शपथ ग्रहण में शामिल
पारंपरिक तौर पर अमेरिका के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में वैश्विक नेताओं को नहीं बुलाया जाता, लेकिन इस बार ट्रंप ने इस परंपरा को तोड़ दिया है। ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को निजी तौर पर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा है।
जिनपिंग को न्योता भेजे जाने की चर्चा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ट्रंप के पहले कार्यकाल के समय अमेरिका और चीन की प्रतिद्वंदिता रही थी। अमेरिका ने चीन पर भारी टैरिफ लगाए थे, जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। अब दूसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में जिनपिंग को न्योता भेजकर ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि वह विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।
हालांकि जिनपिंग ने अभी तक ट्रंप के शपथ ग्रहण में जाने को लेकर पुष्टि नहीं की है और ऐसी भी चर्चा है कि उनकी जगह चीन के उप-राष्ट्रपति हान झेंग या चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी अमेरिका जा सकते हैं।
चीनी राष्ट्रपति के अलावा अल-सल्वाडोर के राष्ट्रपति नईब बुकेले, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई को भी आमंत्रित किया गया है। हालांकि अन्य राष्ट्राध्यक्षों को लेकर जानकारी सामने नहीं आई है।
भव्य कार्यक्रम चाहते हैं ट्रंप
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप चाहते हैं कि उनका शपथ ग्रहण भव्य हो और उसमें दुनियाभर के नेता जुटे। हाल ही में फ्रांस में एक ऐतिहासिक चर्च के पुनर्निर्माण के बाद उसके उद्घाटन के कार्यक्रम में ट्रंप शामिल हुए थे। उस कार्यक्रम में करीब 80 देशों के नेता जुटे थे। अब ट्रंप चाहते हैं कि उनका शपथ ग्रहण समारोह भी वैसा ही हो।
जुटाया गया रिकॉर्ड दान
ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए रिकॉर्ड दान मिला है। दरअसल नई सरकार को खुश करने के लिए बड़े-बड़े उद्योगपति शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दान दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 17 करोड़ डॉलर की रकम इकट्ठा हो चुकी है और इसके 20 करोड़ डॉलर के पार जाने की उम्मीद है। बोइंग, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल आदि बड़ी कंपनियों की तरफ से भारी-भरकम दान दिया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कई दानदाताओं को तो दान देने के बावजूद भी शपथ ग्रहण समारोह के लिए एंट्री नहीं मिल पाएगी क्योंकि पहले ही जगह फुल हो चुकी है। सभी वीआईपी पास खत्म हो चुके हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर अमेरिका में बहुत उत्साह का माहौल है।