‘मुझे फंसाया गया, रुद्राक्ष पहनकर मैं ऐसा अपराध नहीं कर सकता’; अदालत में क्या बोला संजय रॉय?

कोलकाता। कोलकाता के  आरजी कर मेडिकल कालेज व अस्पताल में महिला डाक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने शनिवार को सिविक वालंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास सोमवार 20 जनवरी दोपहर 12.30 बजे दोषी को सजा सुनाएंगे।

वारदात के 162 दिनों बाद आरोपी दोषी करार

संजय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (दुष्कर्म), 66 (दुष्कर्म के बाद मौत) व 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है। मामले में एकमात्र मुख्य आरोपित रहे संजय को वारदात के 162 दिनों बाद व सियालदह कोर्ट में 59 दिनों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद दोषी करार दिया गया। सीबीआई मामले की जांच कर रही थी।

51 लोगों का बयान दर्ज

मालूम हो कि नौ अगस्त, 2024 को अस्पताल के सेमिनार हाल से महिला डाक्टर का शव बरामद हुआ था। अगले दिन संजय को गिरफ्तार किया गया था। मामले में 51 लोगों का बयान दर्ज किया गया।

संजय ने लगाया फंसाए जाने का आरोप

संजय को शनिवार को अदालत में पेश किया गया। मृतका के माता-पिता भी वहां मौजूद थे। सुनवाई के दौरान संजय ने फिर से खुद को निर्दोष बताया।

उसने कहा- ‘गले में रुद्राक्ष की माला पहनकर मैं ऐसा अपराध कैसे कर सकता हूं? मुझे फंसाया गया है। इसमें एक IPS शामिल है मगर उसने किसी का नाम नहीं लिया’। संजय इससे पहले इसी मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त विनीत गोयल का नाम ले चुका है।

जज बोले- मृत्युदंड या आजीवन कारावास मिल सकता

न्यायाधीश ने कहा-‘सीबीआइ की ओर से पेश सुबूतों व गवाहों के बयान के आधार पर अपराध साबित होता है। जो अपराध किया है, उसके लिए मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास मिल सकता है।’ सजा सुनाने से पहले आपको एक बार फिर बोलने का मौका दिया जाएगा।’

रो पड़े मृतका के पिता

संजय को दोषी करार दिए जाने पर अदालत में मौजूद मृतका के पिता रो पड़े। उन्होंने न्यायाधीश को धन्यवाद देते हुए कहा-‘मैंने आप पर जो विश्वास रखा था, आपने उसकी मर्यादा रखी।’

न्यायाधीश ने उनसे कहा-‘सोमवार को मैं आपकी बात भी सुनूंगा।’ पत्रकारों से बातचीत में मृतका के पिता ने कहा-‘मैं अभी भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। बहुत से सवालों के अब तक जवाब नहीं मिले हैं।’

संजय की बहन बोली- आदेश को नहीं देंगे चुनौती

अपना नाम उजागर नहीं करने का अनुरोध करते हुए संजय की बड़ी बहन ने कहा कि आदेश को किसी भी अदालत में चुनौती देने की परिवार की कोई योजना नहीं है।

संवाददाताओं ने पूछा कि उसे क्या लगता है कि उसका भाई वास्तव में दोषी है, तो उसने कहा-‘कृपया मुझे अकेला छोड़ दें। हम टूट चुके हैं। संजय की मां ने मीडिया से बात करने से इन्कार कर दिया।

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