‘हमारी डोडो घर आ गई’ बेटी से लिपटकर रोने लगी मां, हमास की कैद से आजाद हुईं तीन लड़कियां

येरुशलम। इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम हो चुका है। समझौते के मद्देनजर हमास ने सबसे पहले इजरायल की तीन लड़कियों को रिहा किया। इसके बदले इजरायल ने 90 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया।

हमास ने रोमी गोनेन, एमली डेमेरी और डोरोन स्टीनब्रीचर नामक तीनों लड़कियों कि रिहा किया। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीनों लड़कियों की रिहाई का स्वागत किया है।

इजरायल डिफेंस फोर्स ने जानकारी दी कि तीनों रिहा किए गए बंधक अपनी-अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंच गए हैं। तीनों को मेडिकल हेल्प दी जाएगी।

हमास के हमले में एमिली ने गंवा दी थी उंगलियां

हमास की कैद से रिहा हुई ब्रिटिश-इजरायली एमिली डमारी 471 दिनों तक हमास की कैद में रही।  उनकी मां ने कह कि 471 दिनों के बाद एमिली आखिरकार घर आ गई।

मैं उन सभी लोगों को शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने मेरी बेटी के लिए लड़ाई लड़ी। इजरायल, ब्रिटेन , अमेरिका और दुनिया का शुक्रिया। बता दें कि एमिली को 7 अक्टूबर के हमले में गोली लगी थी जिससे उन्होंने अपनी दो उंगलियां गंवा दीं।

‘इजरायल के लोगों का शुक्रिया’

डोरोन स्टीनब्रीचर के परिवार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ये 471 मुश्किल दिनों के बाद हमारी डोडो आखिरकार हमारे पास लौट आई है। मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्हें हमारा साथ दिया। इजरायल के लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने इस मुश्किल घड़ी में हमारा साथ दिया।

इसके अलावा रिहा होने के बाद रोमी गोनेन ने अपनी मां से मुलाकात की।  रोमी गोनेन ने कहा कि अभी भी जो लोग हमास की कैद में हैं, उनके परिवार के साथ खड़े रहेंगे। रोमा गोनेन, इजरायल के केफर वेराडिम में अपने घर से नोवा फेस्टिवल में गई थीं, उसी दौरान हमास ने उसे पकड़ लिया था। 

गाजा में 15 महीने से ज्यादा चली लड़ाई में 46,913 फलस्तीनी मारे गए हैं। खंडहर में तब्दील हो चुके गाजा में मलबे के नीचे दबे मृतकों की संख्या इसके अतिरिक्त है। लगातार बमबारी और गोलाबारी के चलते वहां पर इन शवों को निकालने का समय ही किसी को नहीं मिला।

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