
बीजिंग। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन दौरे पर हैं। चीन दौरे पर सोमवार को विदेश मंत्री ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से बीजिंग में मुलाकात की।
इस मुलाकात में भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की भारत में खूब सराहना हुई। साथ ही विदेश मंत्री ने SCO की अध्यक्षता के लिए चीन का समर्थन किया।
कैलाश मानसरोवर यात्रा का बेहद धार्मिक महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा छह साल के बाद फिर शुरू हुई है। यह यात्रा साल 1981 से जारी है, लेकिन कोरोना महामारी, गलवान घाटी में हुए संघर्ष और 2020 से लेकर 2024 तक भारत चीन के बीच LAC पर तनाव के चलते कैलाश मानसरोवर यात्रा रुक गई थी।
अब भारत और चीन के संबंध फिर से पटरी पर आ रहे हैं, जिसके बाद यह यात्रा इस साल फिर शुरू हुई।
जून से अगस्त के बीच करीब 750 तीर्थयात्री तिब्बत में कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदुओं, जैनियों और बौद्ध समुदाय के लोगों के लिए काफी अहम धार्मिक यात्रा मानी जाती है।
दोनों देशों में विचारों का आदान-प्रदान अहम
भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि ‘हमने अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की भी भारत में व्यापक रूप से सराहना की जा रही है। हमारे संबंधों के निरंतर बेहतर होने से पारस्परिक रूप से लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं।’
जयशंकर ने कहा कि ‘जब हमारी मुलाकात हो रही है तो उस वक्त वैश्विक हालात बेहद जटिल बने हुए हैं। बतौर पड़ोसी देश और बड़ी अर्थव्यवस्थाएं होने के नाते हमारे बीच विचारों का आदान-प्रदान बेहद अहम है।’‘
पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात से हुए संबंध बेहतर
भारतीय विदेश मंत्री ने चीनी उपराष्ट्रपति के साथ मुलाकात में ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई बैठक के बाद से दोनों देशों के संबंधों में सुधार हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘भारत, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में चीन की सफल अध्यक्षता का समर्थन करता है।
पिछले अक्तूबर में कजान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी चर्चाएं इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगी।’