
मुंबई। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और फैंटेसी स्पोर्ट्स कंपनी ड्रीम-11 (Dream11) के बीच स्पॉन्सरशिप को लेकर हुआ 358 करोड़ रुपये का करार समय से पहले ही खत्म हो गया है। यह करार 2023 में तीन साल की अवधि के लिए हुआ था।
जिसके तहत टीम इंडिया की जर्सी पर ड्रीम-11 का लोगो दिखाई देता था, लेकिन हाल ही में पारित ‘ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025’ के कारण ड्रीम-11 ने अनुबंध से बाहर निकलने का फैसला किया।
BCCI ने की पुष्टि
अब ड्रीम-11 के अलग होने की पुष्टि BCCI ने भी कर दी है। BCCI सचिव देवाजीत सैकिया ने कहा, ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025′ के पारित होने के बाद, BCCIऔर ड्रीम 11 अपने संबंध समाप्त कर रहे हैं। BCCI यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में वह ऐसे किसी भी संगठन के साथ कोई संबंध न रखे।’
ड्रीम-11 प्रतिनिधि पहुंचे BCCI दफ्तर
BCCI और ड्रीम-11 के रिश्ते में बड़ा मोड़ आ गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में ड्रीम-11 के प्रतिनिधि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर पहुंचे और सीईओ हेमांग अमीन को औपचारिक रूप से सूचित किया कि कंपनी अब टीम इंडिया की जर्सी पर प्रमुख स्पॉन्सर के तौर पर जारी नहीं रह पाएगी।
इसका सीधा असर यह होगा कि आगामी एशिया कप में भारतीय टीम ड्रीम-11 के लोगो के बिना मैदान पर उतरेगी। BCCI अब जल्द ही नए स्पॉन्सर के लिए टेंडर जारी कर सकता है।
ड्रीम-11 ने ली बाइजूस की जगह
ड्रीम-11 ने 2023 में BCCI का लीड स्पॉन्सर बनने का अधिकार हासिल किया था, जब उसने बाइजूस (Byju’s) की जगह ली थी। इस स्पॉन्सरशिप डील की कीमत लगभग 358 करोड़ रुपये तय की गई थी, लेकिन ताजा परिस्थितियों में कंपनी को करार से पीछे हटना पड़ा है।
यह फैसला सिर्फ भारतीय क्रिकेट बोर्ड को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि खेल जगत के कई हिस्सों पर इसका असर देखने को मिलेगा। ड्रीम-11 लंबे समय से वैश्विक स्तर पर क्रिकेट और अन्य खेलों में प्रायोजन करता रहा है।
कंपनी के ब्रांड एंबेसडर्स भी तगड़े
आईपीएल की कई फ्रेंचाइजियों से लेकर अलग-अलग क्रिकेटरों तक, ड्रीम-11 की पैठ खेल के कारोबार में बेहद गहरी रही है। कंपनी के ब्रांड एंबेसडर्स की लिस्ट भी उतनी ही दमदार है, जिसमें महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
यही नहीं, 2020 में जब भारत-चीन तनाव के चलते वीवो (Vivo) ने आईपीएल टाइटल स्पॉन्सरशिप छोड़ी थी, तब कुछ समय के लिए ड्रीम-11 ने ही टाइटल स्पॉन्सर बनने की जिम्मेदारी उठाई थी।
कुल मिलाकर, ड्रीम-11 का अचानक बाहर होना भारतीय क्रिकेट के लिए नया स्पॉन्सर ढूंढने की चुनौती है, जबकि वैश्विक स्तर पर कई लीगों और खिलाड़ियों पर भी इसके असर की गूंज सुनाई दे सकती है।