
नई दिल्ली। दो मित्र, निथीन पैट्रिक और आकाश द्विवेदी ने भारतीय फैशन उद्योग में एक बड़ी कमी को पहचाना—खासकर सॉलिड कपड़ों के क्षेत्र में। उन्होंने देखा कि सॉलिड परिधान अक्सर ऐसे कपड़ों से बनाए जाते थे जो लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहते थे या बहुत सीमित रंगों में ही उपलब्ध होते थे। सॉलिड फैशन को केवल एक सह-श्रेणी के रूप में देखा जाता था, न कि एक पूर्ण फैशन पहचान के रूप में।
इसी कमी को दूर करने और सॉलिड फैशन को नया आयाम देने के उद्देश्य से—साथ ही एक टिकाऊ और पर्यावरण-हितैषी फैशन ब्रांड बनाने के विज़न के साथ—इस जोड़ी ने एक ऐसा ब्रांड लॉन्च किया जो पुरुषों और महिलाओं, दोनों के लिए विविध सॉलिड पैटर्न वाले परिधानों की पेशकश करता है।
ब्रांड ने आराम और स्थिरता (sustainability) पर जोर दिया और 100% कॉटन कपड़े को चुना, जो भारतीय मौसम के लिए सबसे उपयुक्त है। उनका प्रमुख अंतर था एक साहसिक वादा—“100 धुलाई गारंटी”, जो कपड़ों की लंबी उम्र और टिकाऊ फैशन को बढ़ावा देता है।
संस्थापकों के शब्दों में:
“आने वाले 4–5 वर्षों में हमारा लक्ष्य सॉलिड फैशन क्षेत्र को पूरी तरह से पुनर्परिभाषित करना है। साथ ही, हम टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करके कपड़ों को पुन: उपयोग और पुनः निर्मित करने पर काम करेंगे—उपयोगकर्ता की सुविधा और आराम को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए। यह आने वाले पाँच साल हमारे लिए स्थायी और आरामदायक फैशन की नींव रखने में निर्णायक होंगे।”
ब्रांड ने अपने अन्य विशेषताओं (USP) पर भी जोर दिया—भारतीय शरीर संरचना को ध्यान में रखकर बनाए गए फिट, जिनमें वैश्विक रुझानों और स्थानीय आराम का संतुलन है। उनकी पूरी कलेक्शन इस सोच के साथ तैयार की गई है कि यह भारतीय समाज के हर वर्ग को आकर्षित करे और जहां रंग मुख्य भूमिका निभाए।
आगे की योजना में संस्थापकों ने पाँच साल का लक्ष्य घोषित किया है—पूरी तरह से रीसायकल्ड (recycled) सामग्री से तैयार एक विशेष लाइन लॉन्च करना। उन्होंने यह भी साझा किया कि इस दिशा में शोध एवं विकास (R&D) चरण शुरू हो चुका है और वे अपनी सतत फैशन यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए रणनीतिक निवेश की तलाश कर रहे हैं।