
रामपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां इन दिनों कानूनी जाल में बुरी तरह फंसे हुए हैं। इसकी शुरुआत साल 2019 से हुई। आजम खां पर वर्ष 2019 में ताबड़तोड़ 84 मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें ज्यादातर मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।
10 मामलों में आया फैसला
अब तक 10 मामलों में फैसला आ चुका है। इनमें एक मामला मुरादाबाद का भी है। 13 फरवरी 2023 को एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मुरादाबाद ने छजलैट में हाईवे जाम करने के आठ साल पुराने मामले में आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी।
इसमें अब्दुल्ला की विधायकी चली गई थी। तब अब्दुल्ला स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। इसके अलावा अन्य आठ मामलों में रामपुर की अदालत से फैसले हुए।
इनमें पहला फैसला 27 अक्टूबर 2022 को सुनाया गया था। यह मामला भड़काऊ भाषण का था, जो मिलक कोतवाली में दर्ज हुआ था। इसमें एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी।
सजा के खिलाफ उन्होंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (सेशन ट्रायल) में अपील की थी। सजा के फैसले को सेशन में निरस्त कर उन्हें बरी कर दिया था।
इसके बाद 15 जुलाई 2023 को भड़काऊ भाषण के एक दूसरे मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) ने आजम खां को दो साल कैद और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। यह सजा शहजादनगर थाने में दर्ज मुकदमे में हुई थी।
इसमें सजा के खिलाफ उनकी अपील सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी थी। आजम खां हाईकोर्ट चले गए थे। इसके बाद बेटे के दो जन्म प्रमाण पत्र में उन्हें पत्नी और बेटे के साथ सात साल की सजा हुई थी, जिसमें मंगलवार को वह सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं।
आजम खां को सबसे बड़ी सजा डूंगरपुर में आवास खाली कराने को लेकर लूटपाट के एक मामले में हुई है। उन्हें 10 साल के कारावास और 14 लाख रुपये जुर्माने की सजा हुई है। यह अब तक की सबसे बड़ी सजा है।
आजम खां को न्यायालय से कुछ मामलों में राहत भी मिली है। कुछ मामलों में न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया है। इसमें एक मामला पड़ोसी से मारपीट का था।
23 दिसंबर 2023 को इस मामले में आजम खां के अलावा उनके भाई सेवानिवृत्त इंजीनियर शरीफ खां, बेटे अब्दुल्ला और भतीजे बिलाल पुत्र शरीफ खां को आरोप साबित न होने पर बरी किया था।
डूंगरपुर प्रकरण के भी तीन मामलों में वह बरी हो चुके हैं। न्यायालय में अभी उनके तीन मामले और फैसले के करीब आ गए हैं। इनमें सेना पर विवादित बयान देने और पूर्व सांसद अमर सिंह के परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी मामला शामिल है।