
न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में मंगलवार को एक दिलचस्प वाकया हुआ, जब सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने हिंदू धर्म के ओम शब्द का उच्चारण किया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो ने अपने संबोधन का समापन ओम शांति ओम के साथ किया।
उन्होंने महासभा में दुनिया के नेताओं से एक साथ मिलकर काम करने की अपील की। उन्होंने ‘ओम स्वास्तिअस्तु’ भी कहा जिसका अर्थ है आप धन्य और सुरक्षित रहें।
यह इंडोनेशिया के हिंदू बहुल बाली द्वीप में बोला जाता है। सुबिआंतो ने अपनी स्पीच ओम शांति शांति ओम के साथ ही नमो बुद्धाय और यहूदी अभिवादन शालोम भी कहा। इस दौरान इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने इजरायल के समर्थन में बड़ा बयान दिया।
इजरायल के समर्थन में दिया बयान
संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रोबोवो सुबिआंतो ने कहा कि दुनिया को इजरायल के सुरक्षित जीवन जीने के अधिकार का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने इजरायल को मान्यता देने की भी वकालत की। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है और इजरायल के साथ उसके कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।
सुबिआंतो ने कहा कि ‘हमें इजरायल को भी मान्यता देनी चाहिए, उसका सम्मान करना चाहिए और उसकी सुरक्षा की गारंटी भी देनी चाहिए। तभी हम वास्तविक शांति हासिल कर सकते हैं।’
उन्होंने यह भी कहा कि इंडोनेशिया उसी दिन इजरायल को मान्यता देगा जिस दिन यहूदी देश फिलिस्तीन को मान्यता देगा। सुबियांतो ने कहा कि इंडोनेशिया ऐसी शांति चाहता है जो दिखाए की ‘ताकत से सब ठीक नहीं हो सकता।’
इजरायल-फिलिस्तीन के लिए बताया शांति का रास्ता
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘इंडोनेशिया एक बार फिर फिलिस्तीन समस्या के द्वि-राष्ट्र समाधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है। केवल इसी से शांति स्थापित होगी। हमें फिलिस्तीन के लिए देश का दर्जा सुनिश्चित करना होगा और हम इजरायल की सुरक्षा की सभी गारंटी का समर्थन करेंगे।’
इसके साथ ही उन देशों की तारीफ की, जिन्होंने हाल ही में फिलिस्तीन को मान्यता दी है। सुबिआंतो ने इसे ‘इतिहास के सही पक्ष में कदम’ बताया।
गाजा में शांति सैनिक भेजने की कही बात
इसके साथ ही इंडोनेशिया ने गाजा में शांति के लिए अपनी सेना भेजने के लिए भी समर्थन दिया। उन्होंने कहा, अगर UNSC और यह महान सभा तय करती है, तो इंडोनेशिया गाजा में शांति सुनिश्चित करने में मदद के लिए अपने 20000 से भी ज्यादा बेटे-बेटियों (सैनिकों) को तैनात करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया यूक्रेन, सूडान या लीबिया सहित अन्य जगहों पर भी शांति सैनिक भेजने को तैयार है।