इस आरती के बिना अधूरी है भगवान धन्वंतरि की पूजा, धन से भर जाएगी तिजोरी

नई दिल्ली। धनतेरस का त्योहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि और धन की देवी मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जा रही है। साथ ही स्वर्ण आभूषणों की खरीदारी की जा रही है।

धनतेरस के दिन सोने और चांदी की खरीदारी करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही भगवान धन्वंतरि की कृपा साधक पर बरसती है।

अगर आप भी भगवान धन्वंतरि की कृपा पाना चाहते हैं, तो धनतेरस के दिन भक्ति भाव से भगवान धन्वंतरि की पूजा करें। पूजा के समय धन्वंतरि चालीसा का पाठ करें और समापन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की आरती करें।

धन्वंतरि जी की आरती

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

मां लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी मातातुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता।।

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग मातासूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाताॐ जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाताजो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाताॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाताकर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राताॐ जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर तुम रहती सब सद्‍गुण आता सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाताखान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता।।

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जातारत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाताउर आनंद समाता, पाप उतर जाताॐ जय लक्ष्मी माता।।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अपनाने से पूर्व सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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