भाजपा पहले डर फैलाती है और फिर इसे हिंसा में बदल देती है: राहुल गांधी

बुरहानपुर (मप्र)। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज बुधवार सुबह मप्र के बुरहानपुर जिले में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की शुरुआत करते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा युवाओं, किसानों और मजदूरों के दिलों में पहले डर फैलाती है और फिर इसे हिंसा में बदल देती है।

राहुल ने कहा, “यह अन्याय का हिंदुस्तान है। ऐसा हिंदुस्तान हमें नहीं चाहिए। गरीबों को न्याय चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि महंगे पेट्रोल और रसोई गैस के लिए आम आदमी की जेब से निकलने वाला धन इन्हीं तीन-चार उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है।

राहुल की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ महाराष्ट्र से गुजरने के बाद ‘दक्षिण का द्वार’ कहे जाने वाले बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से मप्र में तय कार्यक्रम से एक घंटे की देरी से दाखिल हुई।

राहुल ने गांव के सभास्थल पर महाराष्ट्र और मप्र की कांग्रेस इकाइयों के बीच तिरंगे का हस्तांतरण कराने के बाद प्रदेश में 12 दिवसीय यात्रा की औपचारिक शुरुआत की। इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले, मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

सभा में राहुल ने कहा कि उनकी यात्रा देश में फैलाई जा रही नफरत, हिंसा और डर के खिलाफ है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केंद्र सरकार को बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर घेरा। उन्होंने कहा, “भाजपा सबसे पहले युवाओं, किसानों और मजदूरों के दिलों में डर फैलाती है और जब यह डर अच्छी तरह से फैल जाता है तो वह इसे हिंसा में बदल देती है।”

राहुल ने भाजपा को एक तरह से चुनौती देते हुए कहा, “हमने कन्याकुमारी से हाथ में तिरंगा लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की थी। इस तिरंगे को श्रीनगर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने दावा किया कि देश का उद्योग जगत, हवाई अड्डे और बंदरगाह केवल तीन-चार उद्योगपतियों के हाथों में हैं और अब रेलवे भी उनके हाथों में जाने वाला है।

राहुल ने रुद्र नाम के पांच वर्षीय बच्चे को अपनी सभा के मंच पर बुलाया, जिसने कहा कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सरकार पर शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा, “आज के हिंदुस्तान में रुद्र का डॉक्टर बनने का सपना पूरा नहीं हो सकता, क्योंकि निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पढ़ाई के लिए उसके माता-पिता को करोड़ों रुपये की फीस देनी होगी। फीस नहीं दे पाने के कारण उसे मजदूरी करनी पड़ेगी।”

राहुल की अगुवाई वाली यह पदयात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल से गुजरेगी। गौरतलब है कि इस किसान बहुल इलाके में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भाजपा पर अहम बढ़त हासिल की थी और राज्य में कमलनाथ की अगुवाई में पार्टी की सरकार बनी थी।

हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च 2020 को पतन हो गया था। कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को सूबे की सत्ता में लौटी थी।

इस बीच, यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में प्रभातफेरी के रूप में तिरंगे झंडे लहराते हुए बोदरली गांव पहुंचे। करीब 6,000 की आबादी वाले इस गांव में यात्रा के स्वागत के लिए सभास्थल को खासतौर पर केलों के पत्तों से सजाया गया था, क्योंकि यह इलाका केले की खेती का गढ़ है।

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