नई दिल्ली। इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह में मिस्र के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस 2023 पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी विदेशी मेहमान होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अल-सिसी को भेजा गया औपचारिक निमंत्रण उन्हें विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से 16 अक्तूबर को सौंपा गया था।
बता दें कि दोनों देशों ने इसी साल राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ भी मनाई है। पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिस्र यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अल-सिसी से मुलाकात की थी।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत और मिस्र के सभ्यतागत तथा लोगों से लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।’’
मित्र देशों के नेता 1950 से ही गणतंत्र दिवस समारोहों की शोभा बढ़ाते रहे हैं। 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ।
वर्ष 2021 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में पांच मध्य एशियाई गणराज्यों के नेताओं को आमंत्रित किया था।
2018 में गणतंत्र दिवस समारोह में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सभी 10 देशों के नेता गणतंत्र दिवस परेड में उपस्थित रहे थे। 2020 में ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो मुख्य अतिथि थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (2015), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (2007), फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सार्कोजी (2008) और फ्रांस्वा ओलांद (2016) भी गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रह चुके हैं।